स्कूल लीडरशिप पर दो दिवसीय रीजनल सेमिनार प्रारंभ
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि शिक्षक जीवन में ऐसा कार्य करें, जिससे वह विद्यार्थियों के रोल मॉडल बन सकें। इसके लिए यह आवश्यक है कि हम स्कूल में अच्छा वातावरण बनाएं और एक परिवार की तरह रहंे। स्कूल शिक्षा सचिव श्री परदेशी ने लीडरशीप के साथ विषयों पर फोकस करते हुए कहा कि यह कार्य कठिन नहीं है, इसके लिए प्रयास करेंगे, तो अच्छे से क्रियान्वित किया जा सकता है। उन्होंने नवाचारी शिक्षकों का उत्साहवर्धन करते हुए का कि हमें शिक्षकों के जरिए जागरूकता लानी है, गांव में शिक्षक का लीडर के रूप में होना जरूरी है और यह शिक्षकों के व्यवहार पर निर्भर करता है। श्री परेदशी ने कहा कि यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद स्कूल के वातावरण में बदलाव आएगा तभी यह प्रशिक्षण सफल माना जाएगा।
सेमिनार को संबोधित करते हुए एससीईआरटी व राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक श्री राजेंद्र कुमार कटारा ने कहा कि स्कूल शिक्षा का मंदिर है। जीवन जीने के लिए अच्छे गुणों का विकास जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमने नवाचारी कार्यक्रम में श्रेष्ठ पालकत्व के जरिए पालकों को बच्चों में क्या अच्छी आदत होनी चाहिए, यह बातें सिखाई है, इस तरह के नवाचारी कार्यक्रमों की आवश्यकता है। प्रत्येक स्कूल में उल्लास केन्द्रों के जरिए जब हम अशिक्षितों को साक्षर करेंगे तब समुदाय हमारे स्कूल से जुड़ेगा और समुदाय की भागीदारी से उसका संचालन अच्छे से हो पाएगा।
निमोरा में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में एनसी एसएल नीपा की छत्तीसगढ़ प्रभारी डॉ.सादमा अफजार, कुलपति डॉ. पीयूष कांत पांडेय, उप संचालक पुष्पा किसपोट्टा, डॉ. कामायनी कश्यप, सीमेट प्रकोष्ठ प्रभारी श्री आलोक शर्मा, नोडल अधिकारी डी. दर्शन, झारखंड के प्रभारी डी.एन. सिंह, मध्य प्रदेश के प्रभारी उस्मान खान सहित प्रदेश के 100 से अधिक चयनित नवाचारी शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ. सीमा श्रीवास्तव ने किया।