जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई करते हुए कहा था, फिलहाल कानून पर रोक नहीं लगा सकते. किसी कानून पर इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती. केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.

सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बने नए कानून को चुनौती दी गई थी. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने नए कानून पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ने नई याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी ADR ने दाखिल की है याचिका.

सुनवाई के दौरान ADR की ओर से प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि नए कानून  पर रोक लगाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा, हाल ही में एक चुनाव आयुक्त रिटायर होने वाले हैं. उनकी नियुक्ति की जानी है, अगर कानून पर रोक नहीं लगाई गई तो याचिका निष्प्रभावी हो जाएगी. लेकिन जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इस तरह कानून पर रोक लगा नहीं सकते .

12 जनवरी को भी सुप्रीम कोर्ट ने नए कानून पर रोक लगाने से इनकार किया था, लेकिन नए कानून का परीक्षण करने को तैयार हो गया था. केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया गया था. अब इसकी सुनवाई अप्रैल में होगी.

जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई करते हुए कहा था, फिलहाल कानून पर रोक नहीं लगा सकते. किसी कानून पर इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती. केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.

कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है याचिका. याचिका में कहा गया है कि संसद द्वारा लाया गया कानून असंवैधानिक है. याचिका में संसद द्वारा पास किए गए संशोधन पर रोक लगाने की मांग की गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बने नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट में दिसंबर में संशोधित कानून को चुनौती दी गई है. याचिका में मांग की गई है कि संसद द्वारा पास किए गए संशोधन को रद्द किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर नियुक्तियों में देश के मुख्य न्यायाधीश को पैनल में शामिल करने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में  कहा गया है कि देश में चुनाव में पारदर्शिता लाने के मद्देनज़र मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पैनल में मुख्य न्यायाधीश  को शामिल किए जाएं.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के पैनल में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और चीफ जस्टिस शामिल होंगे, जब तक कि कोई कानून ना लाया जाए.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने नया कानून लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया.
संशोधित कानून के मुताबिक, सीजेआई (CJI) को सलेक्शन पैनल से हटा दिया गया और इसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट मंत्री कर दिया गया.

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