जिले के श्रमपदाधिकारी ने आज यहां बताया कि शासकीय-अर्धशासकीय सार्वजनिक या निजी उपक्रम में दस या दस से अधिक कर्मचारी कार्यरत् होते है तो वहां आंतरित परिवाद समिति का गठन किया जाना अनिवार्य है। महिलाओं का कार्य स्थल पर लैगिन उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्ररितोष) अधिनियम 2013 के पालन हेतु आंतरित परिवाद समिति का गठन अनिवार्य है। आंतरित परिवाद समिति में एक पीठासीन अधिकारी जो कार्यस्थल पर ज्येष्ठ स्तर की महिला कर्मचारी, कर्मचारियों में से कम से कम 02 सदस्य जो महिलाओे की समस्यााओं के प्रति प्रतिबद्ध, और एक सदस्य जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्ध किसी गैर-सरकारी संगठन (एनजीओं) से होगा, वह समिति के सदस्य होंगे। ऐसे शासकीय-अर्धशासकीय सार्वजनिक या निजी उपक्रम में समिति गठित नहीं है, वहां 50 हजार रूपये तक का आर्थिक दंड का प्रावधान है। उन्होने कहा है कि जिन संस्थानों में अब तक आंतरित परिवाद समिति का गठन नहीं हुआ है वहां एक सप्ताह के भीतर आंतरित परिवाद समिति गठन कर सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शित किया जाएं। इसके अलावा उन्होने समिति गठित होने की सूचना विकास खण्ड मुंगेली के श्रम निरीक्षक के वाट्सअप नंबर 9644328285 और विकास खण्ड लोरमी के श्रम निरीक्षक के वाट्सअप नंबर 9713069665 और विकास खण्ड पथरिया के श्रम निरीक्षक के वाट्सअप नंबर 9926139142 एवं 9098919705 में प्रेषित करने के लिए कहा है।