प्रमुख सचिव ने ली विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक

प्रमुख सचिव गृह एवं वन विभाग श्री मनोज पिंगुआ ने कहा कि क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों का अच्छा प्रयास किया जा रहा है, जिसका निकट भविष्य में बेहतर परिणाम दिखने लगेगा। उन्होंने कहा कि निर्माण विभाग क्षेत्र की जनता की प्रमुख मांग वाली सड़कों के निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दें। साथ ही अंदरूनी इलाकों में सड़क, पुल-पुलिया निर्माण के लिए राजस्व, पुलिस व वन विभाग मिलकर कार्यो को गति दें। प्रमुख सचिव श्री पिंगुआ शुक्रवार को जिला कार्यालय के आस्था सभाकक्ष में पुलिस, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाय और टेली कम्यूनिकेशन संस्था के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली।

प्रमुख सचिव ने टेली कम्यूनीकेशन संस्थाओं द्वारा बस्तर संभाग क्षेत्र में किया जा रहे कार्यो की समीक्षा। इसके साथ पीएमजीएसवाय के सड़कों के विकास, लोक निर्माण विभाग के एलडब्ल्यूई अन्तर्गत आरआरपी-01,02 के निर्माण कार्यो की प्रगति की, छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र राज्य की सीमा में सड़क-पुल निर्माण कार्यों की प्रगति, सीएसपीडीसीएल के द्वारा विद्युतिकरण के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई।

बैठक में प्रमुख सचिव ने पीएमजीएसवाय के अधिकारियों को सड़कों के विकास लगे मजदूरों का भुगतान तत्काल करवाने पर जोर दिया। उन्होंने बस्तर क्षेत्र में संवदेनशील इलाको में जो क्षेत्र नक्सलमुक्त हुए हैं उन स्थानों के नाम से अन्य जगहों में संचालित आश्रम-छात्रावास, हाॅस्टल को उसी गांव में संचालित करवाने पर भी चर्चा किया। साथ ही पुलिस विभाग के द्वारा संचालित मनवा नवा नार के प्रगति पर भी चर्चा। बैठक में वन विभाग के कार्यो की समीक्षा करते हुए विकसित भारत संकल्प यात्रा में वनधन विकास केन्द्र प्रधानमंत्री जनमन के हितग्राही मूलक, स्व-सहायता समूह द्वारा की जा रही आर्थिक गतिविधियों लाईवलीहुड का अवसर बढ़ाने पर जोर दिया। इसके अलावा कैम्पा निधि के कार्यो, वृक्षारोपण के लिए कार्ययोजना, हितग्राहियों का चयन, लघुवनोपज क्रय, लघुवनोपज संग्राहकों का पंजीयन कार्यो, नदी किनारे वृक्षारोपण, वन्यजीव-मानव संघर्ष की घटना विषय पर आवश्यक चर्चाकर निर्देश दिए। इस अवसर पर बस्तर आईजी श्री सुन्दरराज पी., लघुवनोपज काॅर्पोरेशन के श्री प्रेम कुमार, डीआईजी श्री बालाजी राव सहित वन विभाग सीसीएफ श्री गुप्ता, श्री दुग्गा सहित संबंधित विभागों के संभागीय अधिकारी और जिला अधिकारीगण उपस्थित थे।

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