2+2 वार्ता की सह-अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस और विदेश मामलों की मंत्री पेनी वोंग के साथ करेंगे.

नई दिल्‍ली : 

भारत (India) और ऑस्‍ट्रेलिया (Australia) के बीच 20 नवंबर को दूसरी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता होगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) अपने ऑस्‍ट्रेलियाई समकक्षों के साथ नई दिल्‍ली में मंत्रिस्‍तरीय वार्ता की सह अध्‍यक्षता करेंगे. ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए 19 से 20 नवंबर तक भारत के दौरे पर होंगे. मार्लेस और राजनाथ सिंह के बीच 20 नवंबर को रक्षा सहयोग पर एक द्विपक्षीय बैठक के बाद 2+2 वार्ता होगी.

2+2 वार्ता की सह-अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस और विदेश मामलों की मंत्री पेनी वोंग के साथ करेंगे. उद्घाटन के तौर पर 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता सितंबर 2021 में नई दिल्ली में हुई थी.

भारत और ऑस्ट्रेलिया एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी का अनुसरण कर रहे हैं और मार्लेस की यात्रा से द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और गति मिलने की उम्मीद है. 2+2 वार्ता और द्विपक्षीय रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान दोनों देशों के आपसी हित के व्यापक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है.

क्रिकेट विश्‍व कप का फाइनल देखेंगे मार्लेस 

अपनी यात्रा के दौरान मंत्री मार्लेस 19 नवंबर को गुजरात के अहमदाबाद में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट विश्व कप फाइनल देखने जाएंगे.

क्‍वाड के सदस्‍य हैं भारत और ऑस्‍ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय संवाद समूह) के सदस्य हैं. यह समूह एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने पर केंद्रित है. क्वाड के अन्य दो सदस्य अमेरिका और जापान हैं.

तेजी से बढ़े हैं रक्षा और रणनीतिक संबंध 

भारत इस तरह के प्रारूप में अमेरिका और जापान समेत कुछ ही देशों के साथ वार्ता करता है. भारत-अमेरिका विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता का नवीनतम संस्करण 10 नवंबर को नई दिल्ली में संपन्न हुआ था. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय रक्षा और रणनीतिक संबंध पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हैं.

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