कंपनी को चरणजीत सिंह (Delhi Crime news) का काम पसंद आया, जल्द ही उनका प्रमोशन हो गया और सैलरी भी बढ़ गई. यह बात उनके सहकर्मी को अच्छी नहीं लगी तो मर्डर का प्लान बना लिया.

नई दिल्ली: 

दिल्ली के नरेला इलाके में हत्या के एक ऐसे केस (Delhi Crime News) का खुलासा हुआ है, जिसको पुलिस पहले लूटपाट का मामला समझ रही थी. बाद में पता चला कि शख्स की हत्या को उसकी कंपनी में काम करने वाले साथी ने ही करवाई है. नरेला में 9 सितंबर को एक कंपनी के प्रतिभाशाली शेयर एनालिस्ट की हत्या कर दी गई थी. शुरुआत में पुलिस को ये मामला लूटपाट का लगा लेकिन जांच में पता चला कि मृतक का काम अच्छा था इसलिए कंपनी ने उसे प्रमोशन दे दिया और इसी तरक्की और प्रमोशन से जलकर उसके दफ्तर के साथियों ने उसकी हत्या कर दी.  पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक सुपारी किलर भी शामिल है.

बॉस से बढ़ती नजदीकी नहीं हुई बर्दाश्त

पुलिस के मुताबिक 28 साल के चरणजीत सिंह एक प्रतिभाशाली शेयर विश्लेषक थे. चरणजीत ने इसी साल फरवरी में द्वारका की  एक फर्म में काम करना शुरू किया था. उन्होंने एक सॉफ्टवेयर और एक उपकरण विकसित किया जो शेयर की दुनिया में ‘बैल और भालू’ वाले प्रतीकों से बनने वाले रुझानों का विश्लेषण कर सकता था. कंपनी को चरणजीत सिंह का काम पसंद आया और जल्द ही उनका प्रमोशन हो गया और सैलरी भी बढ़ गई. उनकी महीने की सैलरी 1.8 लाख रुपये से अधिक हो गई. अच्छे काम के चलते चरणजीत सिंह की अपने बॉस हरिंदर चौधरी के साथ भी नजदीकी बढ़ गई थी.

पुलिस के मुताबिक चरणजीत सिंह के दफ्तर में काम करने वाले खुशवीर सिंह से चरणजीत की तरक्की बर्दाश्त नहीं हो रही थी. उसने चरणजीत को ठिकाने लगाने की प्लानिंग शुरू कर दी. खुशवीर सिंह ने सबसे पहले अपने बॉस हरिंदर चौधरी को अपने पक्ष में करने की कोशिश की. इसके लिए उसने चरणजीत के कुछ निजी कामों को बाहर निकाला जिनसे वह पैसा कमा रहा था. उसने चौधरी को शराब पिलाना भी शुरू कर दिया और उसे चरणजीत से सॉफ्टवेयर मांगने के लिए मना लिया ताकि वह मुनाफा न कमा सके. इसके बाद भी चरणजीत अच्छा काम करता रहा.

सुपारी किलर को हायर कर करवा दी हत्या

इसके बाद खुशवीर ने हत्या की प्लानिंग में अपने बॉस को भी शामिल कर एक सुपारी किलर हिटमैन जीतू शर्मा और हीरा सिंह को चरणजीत की हत्या के लिए हायर किया. जीतू खुशवीर का परिचित था. इसी साल अगस्त में जीतू शर्मा ने चरणजीत को ट्रेन से धक्का देने की कोशिश की जिससे उसकी डिवाइस छीनी जा सके, लेकिन वो कामयाब नहीं हो पाया. फिर सितंबर में चरणजीत और खुशवीर चंडीगढ़ जाने के लिए निकले, जहां कथित तौर पर खुशवीर का दिल की बीमारी का इलाज होना था लेकिन उसने नरेला इलाके में एक सीएनजी स्टेशन पर गाड़ी रोक दी. वहां हिटमैन जीतू और भूरा पहले से थे. उन्होंने चरणजीत को चाकुओं से गोद दिया और भाग गए. इस घटना में चरणजीत सिंह की मौत हो गई.

चरणजीत को मारने के बाद खुशवीर ने भी खुद को मामूली चोटें पहुंचाईं और पुलिस को फोन किया और एक फर्जी कहानी सुनाई जिससे ये लूटपाट का मामला लगे. पुलिस को शुरुआत में ये लूटपाट का ही मामला लग रहा था लेकिन जांच के दौरान से पुलिस को ऑफिस की प्रतिद्वंद्विता और उसके चलते बदला लेने की एक बड़ी साजिश का पता चला. बाहरी उत्तर जिले के डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि 120 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को देखा गया और जब संदिग्धों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया ,इसके बाद अभी 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

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