एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी की ही बात नहीं है. इंदिरा गांधी के जमाने से भारत सरकार की भूमिका फ़िलिस्तीन के साथ रही है. लेकिन इस मामले में पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय दोनों के बयान अलग हैं. मुझे इसपर हैरानी है.”

मुंबई: 

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन (Israel Palestine Conflict) हमास (Hamas) के बीच जंग का आज 13वां दिन है. गाजा पट्टी (Gaza Strip)में चल रही जंग का असर भारत की राजनीति पर भी दिख रहा है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के फिलीस्तीन को लेकर दिए बयान के बाद देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने पवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. फडणवीस ने पवार से तुष्टिकरण की राजनीति न करने की अपील की है.

इजरायल और हमास के बीच जारी जंग ने दुनिया को दो हिस्सा में बांट दिया है. ऐसा ही कुछ भारत की राजनीति में भी दिख रहा है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जंग पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक… देखें तो भारत की भूमिका हमेशा फिलिस्तीन के साथ रही है. लेकिन पीएम मोदी इजरायल के साथ हैं. पवार ने कहा कि भारत आसपास के देशों को नजरअंदाज नहीं कर सकता है.

बीजेपी ने पवार को निशाने पर ले लिया
शरद पवार के फिलिस्तीन के समर्थन वाले बयान के बाद बीजेपी ने पवार को निशाने पर ले लिया. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम फडणवीस ने पवार से तुष्टिकरण की राजनीति बंद कर आतंकवाद की निंदा करने की अपील की. वहीं, असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने शरद पवार को अपनी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले को हमास के पास भेजने की अजीब सलाह दे डाली है.

सुप्रिया सुले बोलीं- वो महिलाओं का अपमान करते हैं
उधर, सुप्रिया सुले ने हेमंता बिश्वा सरमा के बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि जिनके डीएनए में कांग्रेस है. वह महिलाओं का अपमान कर रहे हैं. ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने भी हेमंता सरमा के बयान की निंदा करते हुए इतिहास पढ़ने की सलाह दी है.

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