टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के विवाद पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का बयान भी सामने आया है. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अगर ये आरोप सच हैं, तो ये बेहद शर्मिंदगी और चौंकाने वाला है.

नई दिल्ली: 

झारखंड के गोड्‌डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (BJP MP Nishikant Dubey)ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) पर आरोप लगाया है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) को लिखी चिट्ठी में दुबे का आरोप है कि महुआ मोइत्रा को सदन में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट और कैश (Cash For Query) मिला. इस पूरे मामले में अब आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Union Minister Rajeev Chandrashekhar)का बयान भी सामने आया है. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अगर ये आरोप सच हैं, तो ये बेहद शर्मिंदगी और चौंकाने वाला है.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ रिश्वत के आरोपों पर केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय आईटी राज्य मंत्री (MoS) राजीव चंद्रशेखर को भी चिट्ठी लिखी थी. इसी चिट्ठी पर राजीव चंद्रशेखर ने ये ट्वीट कर ये बातें कही.

राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मुझे न्यूज रिपोर्टों से पता चला है कि यह संसदीय सवाल शायद एक डेटा सेंटर कंपनी के आदेश पर एक सांसद द्वारा पूछा गया था. अगर यह सच है तो यह वाकई बेहद चौंकाने वाला और शर्मनाक है.” केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा, “यह सच है कि यह कंपनी डेटा लोकलाइजेशन के लिए एक्टिव और एग्रेसिव तरीके से पैरवी कर रही थी. PQ में इस्तेमाल की गई भाषा बहुत समान है (डेटा लोकलाइजेशन की जरूरत को डेटा उल्लंघनों से जोड़ना). ये उस भाषा के समान है, जब इस कंपनी के प्रमुख ने मुझसे मुलाकात की थी. मुझे इसके पूरे तथ्य या बेकग्राउंड की जानकारी नहीं है. लेकिन अगर यह सच है तो यह एक भयानक शर्मिंदगी और  PQ का गलत इस्तेमाल करना है.”

दरअसल, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (BJP MP Nishikant Dubey) ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) से मांग की कि इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई जाए और महुआ मोइत्रा को सदन से निलंबित किया जाए. निशिकांत ने स्पीकर को ‘री-इमरजेंस ऑफ नेस्टी कैश फॉर क्वेरी इन पार्लियामेंट’ टाइटल से चिट्ठी लिखी है. इसमें विशेषाधिकारों के गंभीर उल्लंघन, सदन के अपमान और IPC की धारा 120A के तहत आपराधिक केस की बात कही है.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी चिट्ठी के साथ एक एडवोकेट जय अनंत देहाद्रई की चिट्ठी भी लगाई है. इसमें लिखा है- ‘ऐसा लगता है कि जय अनंत देहाद्राई ने मेहनत से रिसर्च की है, जिसके आधार पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि हाल तक महुआ मोइत्रा ने संसद में कुल 61 में से करीब 50 सवाल पूछे. इनमें दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने या उन्हें कायम रखने के इरादे से जानकारी मांगी गई थी.’

निशिकांत दुबे ने ये भी बताया कि 14वीं लोकसभा के दौरान 12 दिसंबर 2005 को भी ऐसा ही मामला सामने आया था. तब स्पीकर ने उसी दिन जांच कमेटी बना दी थी. 23 दिसंबर 2005 को 10 सांसदों को 23 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था.

बीजेपी सांसद ने कहा- “इसी सदन ने ‘कैश फॉर क्वेश्चन’ मामले में 11 सांसदों की सदस्यता रद्द कर दी थी. आज भी यह चोरी नहीं चलेगी. मिसेस (इमेल्डा) मार्कोस की तरह हर्मीस, गुच्ची बैग, पर्स, कपड़े और हवाला का पैसा काम नहीं करेगा. सदस्यता चली जाएगी, कृपया प्रतीक्षा करें.”

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