सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और अडंमान प्रसाशन की जमानत रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को सुनवाई जल्द पूरी करने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण की जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी अंडमान-निकोबार प्रशासन के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को बड़ी राहत दी है. SC ने कहा कि हाईकोर्ट से मिली जमानत बरकरार रहेगी.

SC ने पीड़िता और अडंमान प्रसाशन की जमानत रद्द करने की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और अडंमान प्रसाशन की जमानत रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को सुनवाई जल्द पूरी करने को कहा है. साथ ही प्रशासन को पीड़िता की शिकायत पर कदम उठाने के लिए कहा गया है.

कलकत्ता HC की पोर्ट ब्लेयर बेंच ने जितेंद्र नारायण को दी थी ज़मानत 

इस साल फरवरी में कलकत्ता हाईकोर्ट की पोर्ट ब्लेयर बेंच ने जितेंद्र नारायण को ज़मानत दे दी थी. पीड़ित और अंडमान-निकोबार प्रशासन ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.

आरोपी सबूत मिटाने की कोशिश कर रहा है

इससे पहले आरोपी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को कलकत्ता हाईकोर्ट‌ से मिले गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि हमारे पास सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूत हैं कि आरोपी सबूत मिटाने की कोशिश कर रहा है.

अंडमान प्रशासन ने दी थी चुनौती 

दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट की पोर्ट ब्लेयर सर्किट बेंच ने पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को गिरफ्तारी से अंतरिम ट्रांजिट संरक्षण दिया था. साथ ही सामूहिक बलात्कार के आरोपों की जांच कर रही एसआईटी के सामने पेश होने के लिए कहा था. इसी को अंडमान प्रशासन ने चुनौती दी थी.

सरकारी नौकरी का दिया था प्रलोभन

इससे पहले पुलिस के एक विशेष जांच दल (SIT) ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण से 21 वर्षीय युवती से कथित सामूहिक बलात्कार मामले में पूछताछ की थी. पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसे तत्कालीन मुख्य सचिव नारायण के घर सरकारी नौकरी देने का प्रलोभन देकर बुलाया गया और नारायण समेत शीर्ष अधिकारियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया.

नारायण के खिलाफ 1 अक्टूबर 2022 को दर्ज की गई थी प्राथमिकी 

मामले में दर्ज प्राथमिकी में श्रम आयुक्त आरएल ऋषि को भी महिला से दुष्कर्म करने का आरोपी बनाया गया है, जबकि पुलिस निरीक्षक और होटल मालिक को अपराध में साथ देने का आरोपी बनाया गया है. नारायण के खिलाफ 1 अक्टूबर 2022 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जब उनका स्थानांतरण दिल्ली वित्त निगम के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पद पर किया गया था.

सरकार ने 17 अक्टूबर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था

सरकार ने 17 अक्टूबर को उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. युवती ने प्राथमिकी में दावा किया है कि मुख्य सचिव ने अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन के विभिन्न विभागों में ‘7800 उम्मीदवारों’ की नियुक्ति बिना किसी ‘‘औपचारिक साक्षात्कार” के केवल ‘सिफारिश के आधार’ पर की है. पीड़िता का आरोप है कि उसे सरकारी नौकरी का प्रलोभन देकर मुख्य सचिव के आवास पर बुलाया गया और 14 अप्रैल एवं एक मई 2022 को दुष्कर्म किया गया.

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