कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अधीर रंजन चौधरी का बचाव किया, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से “लोकतंत्र की रक्षा” करने की अपील की

नई दिल्ली: 

कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आज कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी और लोकसभा सचेतक अधीर रंजन चौधरी को मामूली आधार पर निचले सदन से निलंबित कर दिया गया. खरगे का दावा है कि उन्होंने केवल “नीरव मोदी” कहा था और नीरव का अर्थ “शांत” है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने और मंत्रियों को परेशान करने के आरोप में अधीर रंजन चौधरी को गुरुवार को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया. कांग्रेस ने अपने नेता के खिलाफ कार्रवाई को “अविश्वसनीय” और “अलोकतांत्रिक” बताया.

अधीर रंजन चौधरी ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि उनका इरादा पीएम मोदी का अपमान करने का नहीं था. उन्होंने कहा, “मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था. मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है.”

उन्होंने कहा, “मोदी जी मणिपुर मुद्दे पर ‘नीरव’ बैठे हैं, जिसका मतलब है चुप बैठना. ‘नीरव’ का मतलब है चुप रहना. मेरा इरादा पीएम मोदी का अपमान करने का नहीं था.” उन्होंने कहा कि, ”पीएम मोदी को ऐसा नहीं लगा कि उनका अपमान किया गया है, उनके दरबारियों को ऐसा लगा और वे मेरे खिलाफ यह प्रस्ताव लाए. मुझे पता चला कि (मामला) विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है और मुझे तब तक निलंबित कर दिया गया है.”

मल्लिकार्जुन खरगे ने आज सभापति जगदीप धनखड़ से “लोकतंत्र की रक्षा” करने की अपील यह तर्क देते हुए की कि चौधरी उन विभिन्न संसदीय समितियों से वंचित हो जाएंगे जिनका वे हिस्सा हैं.

खरगे ने कहा, “…उन्हें मामूली आधार पर निलंबित कर दिया गया है… मैं उपराष्ट्रपति और सदन के सभापति से विनती कर रहा हूं कि आपको लोकतंत्र की रक्षा करनी है क्योंकि वह (अधीर) लोक लेखा समिति, व्यापार सलाहकार समिति में और सीबीसी चयन समिति में भी हैं. उन्हें इन सभी संस्थाओं से वंचित कर दिया गया है. अगर उन्हें निलंबित किया जाता है तो यह अच्छा नहीं है.”

अधीर रंजन चौधरी के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पेश किया था.जोशी ने कहा था, “इस सदन ने अधीर रंजन चौधरी के सदन और अध्यक्ष के अधिकार की घोर उपेक्षा करते हुए किए गए घोर, जानबूझकर और बार-बार किए गए कदाचार को गंभीरता से लिया है और यह निर्णय लिया है कि उनके कदाचार के मामले को आगे की जांच के लिए सदन की विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए. वह सदन को रिपोर्ट करे और अधीर रंजन चौधरी को सदन से तब तक निलंबित किया जाए जब तक समिति अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कर देती.”

इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चौधरी की एक टिप्पणी को भाजपा सदस्यों की कड़ी आपत्ति के बाद कार्यवाही से हटा दिया गया था. प्रह्लाद जोशी ने औचित्य का प्रश्न उठाया था और कांग्रेस सदस्य से माफी की मांग की थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *