केंद्र और NTCA द्वारा दायर हलफनामे में यह स्पष्ट किया गया कि चीतों की मौत “अप्राकृतिक कारणों” जैसे अवैध शिकार, शिकार, सड़क पर हमला, बिजली का झटका आदि से नहीं हुईं हैं .

नई दिल्ली: 

दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क (केएनपी) में स्थानांतरित किए गए 40 चीतों में से 8 की मौत हो चुकी है. इसके चलते पर्यावरण मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. NTCA ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि इस बात पर विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि ये मौतें किसी अंतर्निहित अनुपयुक्तता के कारण हुई हैं. सामान्य तौर पर चीतों की जीवित रहने की दर बहुत कम है.

प्राकृतिक कारणों से हुई चीतों की मौत 
केंद्र और NTCA द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि प्रचलित आबादी में अन्य जानवरों को ध्यान में रखते हुए जीवित रहने की दर बहुत कम है, जिससे शावकों में लगभग 10% जीवित रहने की संभावना हो सकती है. हालांकि, ये मृत्यु दर अनावश्यक रूप से चिंताजनक नहीं है. कुन नेशनल पार्क में आठ चीतों की मौत पर जांच प्राकृतिक कारणों की ओर इशारा करती है.

हलफनामे ने यह स्पष्ट किया गया कि मौतें “अप्राकृतिक कारणों” जैसे अवैध शिकार, शिकार, सड़क पर हमला, बिजली का झटका आदि से नहीं हुईं हैं .

चीतों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
दरअसल, मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में लगातार हो रही चीतों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी . जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने 20 जुलाई को कहा था कि पिछले सप्ताह दो और चीतों की मौतें हुईं हैं. आखिर सभी चीतों को अलग-अलग रखने के बजाय एक साथ क्यों रखा गया? इसके लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए.

चीतों को नई जगह पर बसाने में 50% तक मौत सामान्य 
कोर्ट ने कहा एक साल से भी कम समय में हुई 40 प्रतिशत मौत का आंकड़ा को कोई अच्छी बात नहीं है .केंद्र सरकार की तरफ से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा था कि मामले पर विस्तृत रिपोर्ट दाखिल की जाएगी. इस प्रतिष्ठित परियोजना के लिए सरकार अपना पूरा प्रयास कर रही है. उन्होंने कोर्ट द्वारा मौत के आंकड़े को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि फ़िलहाल 20 में से 8 चीतों की मौत हुई है.लेकिन चीतों को नई जगह पर बसाने के दौरान 50 प्रतिशत तक की मौत को सामान्य माना जाता है.

जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.सरकार की ओर से पेश ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि यह अपेक्षित तर्ज पर है.इस तरीके पर 50% मौतें सामान्य हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *