रोगों की निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए पुख्ता व्यवस्था बनाने के दिए निर्देश

उप मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक ली। उन्होंने रायपुर के सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन में आयोजित बैठक में एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के तहत सूचीबद्ध सभी बीमारियों की नियमित निगरानी के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए निगरानी और रिपोर्टिंग की पुख्ता व्यवस्था बनाने को कहा। श्री सिंहदेव ने राज्य स्तरीय निगरानी समिति की अगली बैठक शीघ्र आयोजित करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै, सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री भोसकर विलास संदिपान भी बैठक में शामिल हुए।

एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र गहवई ने बैठक में बताया कि राज्य में सिंड्रोमिक (Syndromic) सर्विलेंस, प्रिज्मटिव्ह (Presumptive) सर्विलेंस और लैबोरेटरी सर्विलेंस के माध्यम से रोगों की निगरानी की जा रही है। रोगों पर त्वरित नियंत्रण और रोकथाम के लिए अलग-अलग स्तरों पर रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन भी किया गया है। राज्य स्तर पर एक, क्षेत्रीय स्तर पर छह, जिला स्तर पर 33 और विकासखंड (सीएचसी/पीएचसी) स्तर पर 926 रैपिड रिस्पॉन्स टीमें गठित हैं।

डॉ. गहवई ने बताया कि एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के अंतर्गत पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य में एस-फॉर्म (सिंड्रोमिक सर्विलेंस) में 69 प्रतिशत, पी-फॉर्म (प्रिज्मटिव्ह सर्विलेंस) में 82 प्रतिशत और एल-फॉर्म (लैबोरेटरी सर्विलेंस) में 78 प्रतिशत रिपोर्टिंग हुई है। इन तीनों फॉर्म्स में रिपोर्टिंग भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य क्रमशः 61 प्रतिशत, 66 प्रतिशत और 62 प्रतिशत से अधिक है। राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. विष्णु दत्त, महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. वी.आऱ. भगत और राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र के संचालक श्री समीर गर्ग भी मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *