मुस्लिम पक्ष ने कहा कि शुक्रवार को ASI सर्वे के आदेश दिए गए. हमें अपील करने का मौका भी नहीं दिया गया.

नई दिल्‍ली: 

ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई के सर्वे पर रोक लगा दी है. ये रोक 26 जुलाई शाम 5 बजे तक रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को आज ही हाई कोर्ट में जाने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि हाई कोर्ट स्‍टे की तिथि खत्‍म होने से पहले मामले की सुनवाई करे. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि मुस्लिम पक्ष को सांस लेने तक का समय नहीं मिला. इससे पहले सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने बात की है. एक हफ्ते तक खुदाई आदि नहीं होगी. एक ईंट तक नहीं हटाई गई है. सर्वे, वीडियोग्राफी और मैपिंग आदि हो रही है. बता दें कि अदालत के आदेशानुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की 30 सदस्यीय टीम ने आज सुबह वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश किया, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित यह मस्जिद किसी मंदिर के ऊपर तो नहीं बनाई गई है.

मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी अपील में कहा कि शुक्रवार को ASI सर्वे के आदेश दिए गए. हमें अपील करने का मौका भी नहीं दिया गया. आज सुबह 7 बजे से सर्वे शुरू हुआ है. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हमें 2 दिनों का वक्त दे दिया जाए, ताकि हम ASI के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकें.

इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने बात की है. एक हफ्ते तक ज्ञानवापी परिसर में खुदाई आदि नहीं होगी. एक ईंट तक नहीं हटाई गई है. सर्वे, वीडियोग्राफी और मैपिंग आदि हो रही है. इस पर सीजेआई ने कहा कि तो हम ASI के बयान को रिकॉर्ड करेंगे और मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की इजाजत देंगे. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि फिलहाल ऐसा कुछ नहीं हो रहा है, जिससे धार्मिक चरित्र बदले. मुस्लिम पक्ष दो-तीन दिनों में हाईकोर्ट जा सकता है.

सीजेआई ने कहा कि ज्ञानवापी में  ASI सर्वे पर बुधवार को रोक लगाएंगे. वहां यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देंगे. कल ही मुस्लिम पक्ष हाई कोर्ट जाए. हिंदू पक्ष ने इसका विरोध किया और कहा कि अगर एक बार यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश होगा, तो वो हमेशा के लिए चलेगा. ASI के डायरेक्टर को निचली अदालत ने आदेश दिया था कि किसी भी तरह का डैमेज नहीं होना चाहिए.

सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि क्या आप अंडरटेकिंग दे सकते हैं कि शुक्रवार तक सर्वे नहीं करेंगे? इस पर तुषार मेहता ने कहा, नहीं बिल्कुल नहीं, जो सर्वे हो रहा है वो किसी भी तरह पोजिशन को नहीं बदलेगा. वहीं, यूपी सरकार ने कहा कि अगर मुस्लिम पक्ष चाहते तो पहले ही निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते थे. इन्होंने जानबूझ कर ऐसा किया है. तुषार मेहता ने कहा की ASI के सर्वे को जारी रखने दिया जाए। मैपिंग, रेडार आदि को जारी रखने दें.

फिलहाल खुदाई जैसा काम नहीं – ASI

सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद ASI ने ये भरोसा दिया है कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद  में ASI फिलहाल खुदाई जैसा काम नहीं करेगा. 31 जुलाई तक खुदाई का काम नहीं होगा. सिर्फ माप, फोटोग्राफी और रेडार इमेजिंग होगी.  सुप्रीम कोर्ट ने अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड पर लिया. मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की इजाजत दी. मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर एक हफ्ते तक रोक लगाने की मांग की है. सीजेआई ने कहा कि फोटो लेने से भीतर की किसी चीज को कोई नुकसान नहीं होगा.

शुक्रवार को निचली अदालत ने ASI सर्वे का आदेश दिया

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हुजेफा अहमदी ने मामले को रखा और कहा कि शुक्रवार को निचली अदालत ने ASI सर्वे का आदेश दिया, जबकि सुप्रीम कोर्ट से संरक्षित क्षेत्र में सर्वे पर रोक लगाई है तो इससे बाहर भी सर्वे ना हो. ये एक तरीके से अवमानना है. हिंदू पक्ष ने विरोध किया और कहा कि  ASI सर्वे का मामला सूचिबद्ध नहीं है. सील किया हुआ एरिया इस सर्वे में शामिल नहीं है.

क्या ASI खुदाई कर रहा है?

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि ASI क्या कर रहा है? क्या ASI खुदाई कर रहा है? यूपी सरकार ने वकील एसजी तुषार मेहता ने कहा कि  पिछले मामले और इस मामले में अंतर है. उस समय कथित शिवलिंग का मामला था. सीजेआई ने कहा कि हम कहेंगे कि फिलहाल ASI कोई खुदाई आदि का काम ना करे. फिर हम इस मामले की सुनवाई कर लेंगे. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि एक हफ्ते के लिए आदेश पर रोक लगा दें. सीजेआई ने कहा कि हम इस मामले में मंगलवार को सुनवाई करेंगे. CJI ने तुषार मेहता से कहा कि पक्षकारों को कुछ समय दिया जाए. ASI को कहा जाए कि फिलहाल सर्वे ना करें. उनको इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का समय दें. इस मामले पर आज 11.15 बजे सुनवाई होगी.

वाराणसी में ASI का ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण 

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की एक अदालत के आदेशानुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की 30 सदस्यीय टीम ने सोमवार सुबह वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश किया, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित यह मस्जिद किसी मंदिर के ऊपर तो नहीं बनाई गई है. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि एएसआई की टीम सुबह सात बजे वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए निर्धारित परिसर में दाखिल हो गई और मौके पर हिंदू पक्ष के सभी वादियों के अधिवक्‍ता भी मौजूद हैं.

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