अमित शाह ने कहा कि सरकार का ध्यान उन छोटे निवेशकों की मदद करना है, जिन्होंने अपना पैसा चार सहकारी समितियों में जमा किया है.

नई दिल्‍ली : 

सहारा समूह के दस करोड़ जमाकर्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है. जल्द ही जमाकर्ताओं को अपना पैसा वापस मिलना शुरू हो जाएगा. इसके लिए मंगलवार को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रिफंड पोर्टल को लॉन्‍च करते हुए कहा, “सहारा ग्रुप की चार सहकारी समितियों में फंसे जमाकर्ताओं का पैसा वापस करने की प्रक्रिया सहारा रिफंड पोर्टल के लॉन्च के साथ शुरू हो गई है”

उन्‍होंने कहा कि शुरुआत में ट्रायल बेसिस पर निवेशकों को 10,000 रुपये लौटाए जाएंगे. ट्रायल सफल होने पर धीरे-धीरे रिफंड की रकम बढ़ाई जा सकती है.

एक करोड़ सात लाख निवेशक रिफंड पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं और शुरुआती चरण में 10,000 रुपये तक का दावा कर सकते हैं. शाह के मुताबिक, 4 करोड़ जमाकर्ता ऐसे हैं जो 10,000 रुपये तक पाने के पात्र हैं.

अमित शाह ने कहा कि एक बार यह पहल सफल हो जाए तो उन जमाकर्ताओं के दावों के निस्‍तारण के लिए आगे निर्णय लिए जाएंगे, जिनका सहारा समूह की सहकारी समितियों में अधिक पैसा फंसा हुआ है. साथ ही उन्‍होंने बताया कि रिफंड की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी.

उन्‍होंने कहा कि सरकार का ध्यान उन छोटे निवेशकों की मदद करना है, जिन्होंने अपना पैसा चार सहकारी समितियों में जमा किया है. लेकिन कई मामले दर्ज होने के बाद उनका पैसा फंस गया.

कैसे काम करेगा पोर्टल?
जमाकर्ताओं को पैसा पाने के लिए अपने आधार को मोबाइल और बैंक अकाउंट से लिंक करना और रसीद विवरण प्रदान करना होगा . उन्‍होंने बताया कि रिफंड की आगे की प्रक्रिया के लिए जमाकर्ताओं को एक फॉर्म डाउनलोड करना होगा, उसे भरना होगा और पोर्टल पर दोबारा अपलोड करना होगा.

रिफंड मिलने में कितना समय लगेगा?
शाह ने कहा कि पैसा 45 दिनों के भीतर दावेदार के बैंक खाते में जमा कर दिया जाएगा. यदि कोई नहीं जानता कि ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग कैसे करें तो क्या होगा? ऐसे लोगों के लिए केंद्रीय मंत्री ने इन लोगों से सीएससी डिजिटल सेवाओं की मदद लेने और अपना पंजीकरण कराने के लिए कहा है.

सीआरसीएस सहारा रिफंड पोर्टल क्या करेगा?
सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल का उद्देश्य सहकारी समितियों के सदस्यों के हितों की रक्षा करना है. पोर्टल उन जमाकर्ताओं के वास्तविक दावों को संबोधित करने में मदद करेगा जिन्होंने सहारा समूह की सहकारी समितियों – सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में पैसा निवेश किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश 
सुप्रीम कोर्ट ने 29 मार्च 2023 के अपने आदेश में कहा था कि सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के वैध बकाया के भुगतान के लिए ‘सहारा-सेबी रिफंड खाते’ से 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को हस्तांतरित किए जाएं.

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