दृष्टिबाधित एवं अल्प दृष्टिबाधित बच्चों हेतु जिला परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा में स्थापित संसाधन कक्ष में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. आलोक द्वारा सहायक उपकरणों को प्रदान कर संसाधन कक्ष का अवलोकन किया गया। साइटसेवर्स के सहयोग से सहायक उपकरणों में मैग्नीफायर लेंस, डॉम मैग्नीफायर, टॉकिंग कैल्कुलेटर, टेक्सटाइल मैप बुक, पैग बॉर्ड, टाइपोस्कोप, सिग्नेचर गाइड, लेटर राइटर, कम्प्यूटर एवं प्रिंटर इत्यादि प्रदान किया गया। इस संसाधन कक्ष में अब जिले के सीपी, एम.आर., डाउन सिंड्रोम, वाणी दोष इत्यादि दिव्यांगता वाले बच्चे लाभान्वित हो सकेंगे।
जिला परियोजना कार्यालय में संचालित फिजियोथेरेपी एवं स्पीच थेरेपी का औचक अवलोकन के दौरान श्री एस. आलोक द्वारा थेरेपिस्ट को दिशा-निर्देश दिया गया। उक्त कार्यक्रम में उपसंचालक, समाज कल्याण विभाग श्रीमती संगीता सिंह, समग्र शिक्षा से श्री कमल नारायण चन्द्राकर, जिला मिशन समन्वयक, श्री डी.एन. जांगड़े, एपीसी (समावेशी शिक्षा), श्रीमती विद्या साहू एपीसी (बालिका शिक्षा), श्रीमती सम्पा बॉस, एपीसी (पैडागाजी), साइटसेवर्स से राज्य तकनीकी सलाहकार (समावेशी शिक्षा) श्री करन सिंह सिसोदिया, जिला परियोजना समन्वयक श्री मुकेश निषाद, जिला समावेशी विशेष शिक्षक श्री नीरज सिंह उपस्थिति रहे। कार्यक्रम में श्रीमती संगीता सिंह द्वारा बच्चों की दिव्यांगता एवं शैक्षणिक उपलब्धि का जायजा लिया गया तथा यूडीआईडी कार्ड बनवाने हेतु दिशा-निर्देश दिये गए। महासमुन्द के विभिन्न शासकीय विद्यालयों से आये दृष्टिबाधित बच्चों के साथ उनके पालकों ने भी बच्चों के संबंध में एवं सामाजिक मुख्यधारा में सम्मिलित होने संबंधी बातों को व्यक्त किया। जिला मिशन समन्वयक एवं एपीसी (समावेशी शिक्षा) द्वारा दिव्यांग बच्चों को विद्यालय स्तर पर मिलने वाली सुविधाओं का पूर्ण परिचय दिया तथा पालकों का दिव्यांगता के संबंध में समस्याओं का निराकरण भी किया।

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