समय पूर्व लोकसभा चुनाव कराने के बयान पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब हम अटल बिहारी वाजपेयी के साथ थे, तब दो-तीन महीने पहले ही चुनाव कराए गए थे…

पटना : 

भारत में समय पूर्व लोकसभा चुनाव कराने के अपने बयान पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सफाई दी है. नीतीश कुमार का कहना है कि उन्होंने सभी सहयोगियों को अलर्ट किया है. सत्‍ता में बैठी पार्टी को अगर पूर्ण बहुमत है, तो वह समय से पूर्व चुनाव कराने का निर्णय ले सकती है. हमने ऐसा कभी नहीं कहा कि केंद्र सरकार समय से पहले चुनाव कराने जा रही है.

नीतीश कुमार से जब पूछा गया कि उनको क्‍यों ऐसा लगता है देश में समय से पूर्व लोकसभा चुनाव हो सकते हैं? इसके जवाब में उन्‍होंने कहा, “केंद्र सरकार को ये अधिकार है कि वो समय से पहले चुनाव करवा सकती है. जिस पार्टी को बहुमत है, वह पहले चुनाव करा सकता है. जब हम अटल बिहारी वाजपेयी के साथ थे, तब दो-तीन महीने पहले ही चुनाव कराए गए थे. हालांकि, अटल जी नहीं चाहते थे कि समय से पहले चुनाव हों.”

बिहार के मुख्‍यमंत्री ने कहा, “देखिए, इन दिनों विपक्षी एकता के लिए काफी प्रयास किये जा रहे हैं. ऐसे में हो सकता है कि उन लोगों को लगे कि हम लोग मिलकर आगे बहुत उथल-पुथल करेंगे, तो ज्‍यादा नुकसान होगा. ऐसी स्थिति में ये लोग पहले भी चुनाव करा सकते हैं. हम तो ऐसे ही कह रहे थे. ये थोड़े ही कह रहे हैं कि वो पहले चुनाव करा ही देंगे. मेरा कहने का मकसद था कि इसकी संभावना हमेशा रहती है. इसलिए हमने अपने साथ खड़ी सभी पार्टियों को अलर्ट किया है.

वहीं, नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी के बारे में कहा कि उन्होंने विलय के लिए बोला था, लेकिन उनके जाने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा. नीतीश ने कहा कि चूंकि मांझी बीजेपी नेताओं से मिलते रहते थे, इसलिए 23 जून को बैठक में उन्हें बुलाने पर वो बातें इधर से उधर कर सकते थे. बता दें कि जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने पिछले दिनों नीतीश मंत्रिमंडल से इस्‍तीफा दे दिया. जीतनराम मांझी ने ये दावा किया था कि उनके ऊपर अपनी पार्टी का विलय करने का दबाव बनाया जा रहा था.

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