कड़कड़डुमा कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को सिर्फ संदेह या अनुमानों के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. कोर्ट ने कहा संदेह चाहे कितना भी गंभीर क्यों न हो, प्रमाण की जगह नहीं ले सकता, संदेह का हर लाभ आरोपी व्यक्तियों के पक्ष में जाता है

नई दिल्ली: 

दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में कड़कड़डुमा कोर्ट ने एक आरोपी को बरी कर दिया है. कोर्ट ने नूर मोहम्मद को दंगा भड़काने और गैरकानूनी जमावड़ा से जुड़े मामले में बरी किया है. साथ ही कड़कड़डुमा कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को सिर्फ संदेह या अनुमानों के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. कोर्ट ने कहा संदेह चाहे कितना भी गंभीर क्यों न हो, प्रमाण की जगह नहीं ले सकता, संदेह का हर लाभ आरोपी व्यक्तियों के पक्ष में जाता है.

इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि अगर शिकायतकर्ता अपराधियों को देखा था और उन्हें पहचान सकता था तो उसने अपनी शिकायत में इसका उल्लेख किया होता. कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता को एक झूठे गवाह के रूप में गलत तरीके से पेश किया, जो अभियुक्त को अपराधी के रूप में पहचान सके. कोर्ट ने नूर मोहम्मद को IPC की धारा 147, 148, 188, 323, 394 समेत अन्य धाराओं  में बरी किया गया.

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