इस लापरवाही को लेकर जिला कलेक्टर डॉ.सतीश कुमार एस का कहना है कि जो भी लोग इसमें दोषी पाएं जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हम पहले इस पूरे मामले की जांच कर रहे है.

भोपाल: 

MP अजब है, MP गजब है, मध्यप्रदेश को लेकर यह टैग लाइन काफी प्रचलित है. बीते दिनों भिंड में जो हुआ है उसे देखकर तो ये लाइन बिल्कुल ही सही लगती हैं. दरअसल, भिंड जिले स्थित सोनी के उपस्वास्थ्य केंद्र में बीते दो महीने से कोरोना का वैक्सीन खत्म हो गया है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन कोरोना वैक्सीन लगाने का सर्टिफिकेट जारी किए जा रहा है. इस घटना की जानकारी जब वरिष्ठ अधिकारियों को मिली तो हंगामा मच गया. आनन-फानन में भिंड से लेकर भोपाल तक जांच शुरू हो गई.

सोनी के उपस्वास्थ्य केंद्र से जारी किए गए हैं सर्टिफिकेट

खास बात ये है कि इस लापरवाही का पता उस वक्त चला जब 30 मई को एक शख्स अपना कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लेने के लिए जिला मुख्यालय पर सीएमएचओ के कार्यालय पहुंचा. इस दौरान जब कार्यालय में अधिकारी ने आईडी से लॉगइन करके सर्टिफिकेट की स्थिति जांचने की कोशिश की तो उन्हें पता चला कि उपस्वास्थ्य केंद्र सोनी में बिना कोरोना टीकाकरण के ही लोगों को फर्जी में सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं. जबकि सोनी के स्वास्थ्य केंद्र में बीते दो महीने से कोरोना की एक भी वैक्सीन नहीं है. ऐसे में बगैर वैक्सीन के ही लोगों को कोरोना का सर्टिफिकेट जारी कर दिया जा रहा था.

“जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई”

हैरान करने वाली बात ये है कि जिन लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं वो मध्यप्रदेश के बाहर के हैं. इस मामले की जानकारी मिलने के तुरंत बाद ही एक जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है जो इस पूरे मामले की जांच कर रही है. इस लापरवाही को लेकर जिला कलेक्टर डॉ.सतीश कुमार एस का कहना है कि जो भी लोग इसमें दोषी पाएं जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हम पहले इस पूरे मामले की जांच कर रहे है.

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