वन अधिकार पट्टा मिलने से खिल उठे किसानों चेहरे
अब मालिकाना हक से करेंगे खेती

वन अधिकार पत्र मिलने से जिले के आदिवासी और विशेष पिछड़ी जनजाति कमार, भुंजिया वर्ग के वन अधिकार पत्रक हितग्राही पूरे आत्मविश्वास व मालिकाना हक से खेती कर रहे है। जिले के संवेदनशील ग्राम दर्रीपारा में आयोजित जनसमस्या निवारण शिविर में पहुंचे ग्राम बोईरगांव के हितग्राही किसान हीरा सिंह को यहां वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि वे शासन से वन अधिकार पत्र से मिली जमीन लगभग डेढ़ एकड़ में मालिकाना हक के साथ अब खेती-किसानी का कार्य करेंगे। कृषक हीरा सिंह ने बताया कि उनके पूर्वज दो-तीन पीढ़ियों से ही उस जमीन पर खेती किसानी का कार्य करते आ रहे थे, पर उस जमीन से धान की बिक्री नहीं कर पाते थे, साथ ही जमीन पर उनका मालिकाना हक नहीं होने से वे डर कर खेती किसानी का कार्य करते थे। परन्तु आज स्थिति बदल गई, अब हम पुरे हक के साथ उस जमीन पर खेती किसानी का कार्य करेंगे। अब उन्हें धान, खाद, बीज लेने में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी। वे बताते है कि शिविर में उन्हें कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधि के माध्यम से वन अधिकार अधिनियम के तहत वन अधिकार पट्टा मिलने से अब उनकी सारी चिंता दूर हो गई है। अब वे काफी खुश है। इसी प्रकार जनसमस्या निवारण शिविर में बालकुंवर, सुरज बाई, कलाबाई, कमितला बाई, प्रमिला बाई, सगरोतिन, पनकीन बाई, धनेश्वर, सहदेव, चेतन सिंह, गौरी बाई, यशोदा बाई एवं मदनलाल को कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधियों ने वन अधिकार प्रमाण पत्र प्रदान किया। वन अधिकार पट्टा मिलने से उनके चेहरे पर खुशियाँ साफ झलक रही थी। इसके लिए उन्होंने शासन-प्रशासन को धन्यवाद दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *