किसी ने खरीदे जेवर तो किसी ने मोबाईल फोन

छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना पशुपालकों, महिलाओं, किसानों और आमजनों के लिए तरक्की के रास्ते खोल रही है। गौठान में आयमूलक गतिविधियों से जुड़़ने से स्थानीय स्तर महिलाओं को रोजगार मिल रहा है और उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है। अपने और अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में उनकी भागीदारी बढ़ी है। वास्तव में इस योजना ने महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाया है।

जिले के मोहला विकासखंड के रानाटोला गौठान में मां ममता स्वसहायता समूह की महिलाएं गौठान में गोबर से वर्मी खाद बनाने का काम कर रही है। अब तक महिला समूह को वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का विक्रय कर 2 लाख रूपए का लाभ मिल चुका है। मां ममता स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती तारामती ने बताया कि पहले गांव में कृषि कार्य या मजदूरी करते थे। जब से हमारे गांव में गौठान बना है, हम गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक स्वसहायता समूह की महिलाओं ने 973.30 क्विंटल वर्मी खाद तैयार किया है, जिसमें से 959 क्ंिवटल खाद का विक्रय कर चुके है। तारामती ने आगे बताया कि गौठान में केंचुआ भी तैयार कर विक्रय किया जा रहा है। खाद बेच कर कमाए पैसों से तारामती ने अपने लिए चांदी की पायल और करधन खरीदी है।

समूह से जुड़ी अन्य महिलाओं ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट बेचकर प्राप्त आय से वे अब परिवार के घर खर्च में भागीदारी देती है तथा अपना और बच्चों की जरूरतों को भी पूरा कर रही हैं। सभी ने अपनी-अपनी जरूरतों के हिसाब से किसी ने मोबाईल फोन, तो किसी ने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए पैसे खर्च किये हैं।

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