सरकारी टीचर (Government Teacher) ने खास तौर पर सरकार के फ्री वादों (free promises) पर बड़े सवाल खड़े किए थे, जिसमें कहा गया था कि सरकार की ओर से मुफ्त वादों के चलते राज्य पर कर्जा बढ़ जाता है.

नई दिल्ली: 

कर्नाटक (Karnataka) में सिद्धारमैया सरकार की नीतियों की फेसबुक पोस्ट पर आलोचना करना एक टीचर (Teacher) को भारी पड़ गया. दरअसल टीचर ने कई सीएम के कार्यकाल के दौरान सरकारी खजाने पर कर्ज का जिक्र किया था. इसमे सिद्धारमैया के कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा सरकारी ऋृण की बात कही गई थी. इसके बाद शिक्षक को नौकरी से निकाल दिया गया है. सरकारी टीचर (Government Teacher) ने खास तौर पर सरकार के फ्री वादों पर बड़े सवाल खड़े किए थे, जिसमें कहा गया था कि सरकार की ओर से मुफ्त वादों के चलते राज्य पर कर्जा बढ़ जाता है.

शिक्षक ने कहा कि कृष्णा के समय से लेकर शेट्टार तक मुख्यमंत्रियों के जरिए लिया गया लोन 71,331 करोड़ रुपये था, लेकिन सिद्धारमैया के कार्यकाल (2013-18) के दौरान यह 2,42,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. टीचर ने पोस्ट में लिखा, ‘इसलिए सिद्धारमैया के लिए मुफ्त उपहारों की घोषणा करना आसान है.’

इस मामले पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक ट्वीट किया है. लिखा, “कर्नाटक में राज्य संचालित प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक को उनकी नीतियों के लिए सीएम सिद्धारमैया की आलोचना करने वाले फेसबुक पोस्ट के लिए निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने केवल यह बताया कि बाद वाला इतने सारे मुफ्त देने का वादा कर सकता है क्योंकि राज्य का कर्ज हमेशा बढ़ जाता है जब वह सरकार को रोक देता है.
सत्य आहत?

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