इस फोटो में फैमिली के साथ नजर आ रहे यह एक्टर बॉलीवुड के जाने-माने विलेन रहे हैं. उनकी आवाज सुनकर अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते थे. पहचाना क्या.
नई दिल्ली:
कई बार अपने पसंदीदा फिल्मी सितारों को हम बड़े पर्दे पर जैसा देखते हैं असल जिंदगी में बहुत से बिल्कुल अलग होते हैं. खास तौर पर फिल्मों में ग्रे शेड या नेगेटिव किरदार निभाने वाले कलाकार लोगों के गुस्से का भी शिकार हो जाते हैं. कई बार तो लोग किरदार में इतना डूब जाते हैं कि उसे बुरा समझकर खरी-खोटी भी सुनाने लगते हैं. यही तो एक कलाकार की खूबी है देखने वाला बस उस किरदार को समझे. कुछ ऐसी ही शख्सियत रही है बॉलीवुड के इस खूंखार विलेन की जिसे देखकर बच्चा-बच्चा थरथर कांपता था. उनके हर किरदार में इतना दम था कि आज भले ही वो हमारे बीच ना हों लेकिन बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी आज भी उनके डायलॉग दोहराते नजर आते हैं. अगर इतनी हिंट देने के बाद भी आप अंदाजा नहीं लगा पाए हैं तो एक बार इस तस्वीर को जरा ध्यान से देखिए.
ब्लैक एंड व्हाइट फैमिली फोटो में आपको चार लोग नजर आ रहे हैं. बच्चे को गोद में उठाए हुए इस शख्स को जरा ध्यान से देखिए, क्या आप अंदाजा लगा पाए कि ये कौन है? अगर नहीं, तो हम आपको बता दें कि ये कोई और नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा के खलनायक मोगैंबो यानी कि अमरीश पुरी हैं. अमरीश पुरी भले ही हम सबके बीच नहीं है, लेकिन मिस्टर इंडिया में उनके मोगैंबो का किरदार हो या दिलवाले दुल्हनिया में सिमरन के पिता का रोल हो उन्हें एक आइडियल एक्टर माना जाता है. इस फोटो में अमरीश पुरी अपनी वाइफ और दो बच्चों के साथ नजर आ रहे हैं.
बॉलीवुड के मोगैंबो उर्फ अमरीश पुरी के शुरुआती करियर की बात की जाए तो उनका जन्म 22 जून 1932 को नवांशहर, पंजाब में हुआ. उन्होंने शिमला के बी एम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और उसके बाद 1960 में रंगमंच से जुड़ गए. हालांकि, बड़े पर्दे पर कदम रखने में उन्हें एक दशक से ज्यादा का वक्त लग गया और उन्होंने 1971 में प्रेम पुजारी से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की, फिर 1980 के बाद बतौर खलनायक वो भारतीय फिल्मों में सबसे बड़े विलेन के रूप में जाने जाने लगे. उन्होंने अपने पूरे करियर में हिंदी के अलावा कन्नड़, पंजाबी, मलयालम, तेलुगु ,तमिल और हॉलीवुड फिल्मों में चार सौ से ज्यादा फिल्में की है. उनकी कुछ फेमस फिल्मों में मिस्टर इंडिया, करण अर्जुन, कोयला, विश्वात्मा, फूल और कांटे, राम लखन, नगीना ,कुली, गांधी निशांत जैसी बेहतरीन फिल्में शामिल है. उनकी आखिरी फिल्म किसना थी, 12 जनवरी 2005 को उनका निधन हो गया.