पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस हिंसा पर केंद्र और राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था. सीजेआई ने कहा था कि आरक्षण देने से जुड़ा कोई फैसला कोर्ट या राज्य सरकार नहीं कर सकती.

नई दिल्‍ली: 

मणिपुर में हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की.  सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम राजनीति और पॉलिसी के एरिया में नही जाएंगे, ये संवैधानिक कोर्ट है. हम केवल राहत देने के लिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा हाईकोर्ट की डबल बेंच के समक्ष अपनी बातों को रखें. सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा, जिस पर छुट्टियों के बाद सुनवाई होगी.

सुप्रीम कोर्ट मैइता समुदाय को जनजाति में शामिल किए जाने के मणिपुर हाईकोर्ट को लेकर मणिपुर में हुई हिंसा के मामले में सुनवाई कर रहा था. मणिपुर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट के आदेश को लागू करने के किये हमें एक साल का समय दिया है.

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस हिंसा पर केंद्र और राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था. सीजेआई ने कहा था कि आरक्षण देने से जुड़ा कोई फैसला कोर्ट या राज्य सरकार नहीं कर सकती. ये अपील यहां बेअसर होगी, क्योंकि इसकी शक्ति कोर्ट को नहीं, बल्कि राष्ट्रपति को है. आप समुचित मंच पर ये मांग ले जाएं. फिलहाल हमारा उद्देश्य राज्य में शांति बहाल करना है. हमें जीवन हानि की चिंता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *