उत्तर प्रदेश STF ने बृहस्पतिवार को झांसी में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके एक साथी गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया. जब असद के एनकाउंट में मारे जाने की खबर आई, तब अतीक अहमद की प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेशी हो रही थी.

उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अतीक अहमद के बेटे असद और उसके शूटर गुलाम को UP STF ने आज झांसी में हुए एनकाउंटर में मार गिराया है. ये घटना तब हुई जब अतीक अहमद की इसी मामले में प्रयागराज के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया था. बेटे की मौत की खबर सुनकर अतीक कोर्ट में ही फफक-फफक कर रोने लगा. असद और गुलाम के एनकाउंटर को  पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है.

एनकाउंटर की इस कार्रवाई में दो डीएसपी सहित कुल बारह लोग शामिल थे. पुलिस ने मरे गए अपराधियों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार भी बरामद किया है. इस तरह उमेश पाल हत्याकांड में शामिल चार अपराधियों को पुलिस मौत के घाट उतर चुकी है.

18  के खिलाफ पुलिस ने दर्ज किया था मुकदमा 
पेशे से वकील रहे उमेश पाल की 24 फरवरी 2023 को दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी. इस दौरान बदमाशों ने उनके साथ दो सुरक्षाकर्मियों को भी मार दिया था. यह घटना आसपास के 16 सीसीटीवी कैमरों में दर्ज हो गई थी. उमेश पाल हत्याकांड में उनके परिवार वालों के तहरीर पर पुलिस ने कुल 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज़ किया. पुलिस ने अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके भाई और पूर्व विधायक अशरफ, बेटे असद ,सदाकत, गुड्डू मुस्लिम अरमान, विजय चौधरी उर्फ उस्मान, अरबाज , साबिर, कैस अहमद (ड्राइवर, फिलहाल जेल में है), राकेश (हथियार और पैसे बरामद हुए), अरशद कटरा, नियाज (जिसने रेकी की थी), इकबाल अहमद (रेकी करने का आरोप),शाहरुख, (अतीक का नौकर जिसे जेल भेजा जा चुका है), डॉक्टर अखलाक और उसकी पत्नी (अतीक की बहन और बहनोई) को भी दिन दहाड़े की गयी इस हत्या कांड का आरोपी बनाया. इसके अलावा अतीक के अन्य चारों बेटे और कुछ अज्ञात लोगों का भी नाम एफआईआर में था.

चार अपराधी हुए ढेर 
अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की निति पर काम काम रही योगी सरकार अतीक और उसके गैंग को पूरी तरह ख़त्म कर देने का संकल्प के साथ काम कर रही है. उमेश पाल की हत्या के बाद से ही  पुलिस अतीक और उसके गुर्गों की बड़ी शिद्दत से तलाश कर रही थी. हत्यारों की तलाश में लगी पुलिस को पहली सफलता 27  फरवरी को मिली, जब अतीक के बेहद करीबी शूटर अरबाज को एसओजी की टीम ने नेहरू पार्क के वीराने में मार गिराया. पुलिस को दूसरी सफलता विजय चौधरी उर्फ़ उस्मान के रूप में लगी, जिसे  पुलिस ने छह मार्च को ढेर कर दिया. बताया जाता है कि उमेश पाल पर पहली गोली इसी उस्मान ने चलाई थी. उसके बाद से ही पुलिस पर और अपराधियों को अंजाम तक पहुंचाने का भारी दबाव था. इसी कड़ी में एसटीएफ ने गुरुवार को असद और गुलाम को झांसी में हुए एक एनकाऊंटर में मार गिराया है.

तीन मुख्य शूटर अभी भी हैं फरार
पुलिस ने फरार पांच लोगों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम रखा था.  जिनमे अरमान ,  गुड्डू मुस्लिम  साबिर , असद और मो गुलाम पर 5 – 5 लाख रुपये का इनाम रखा था. असद और गुलाम को पुलिस ने उनके अंजाम तक पहुंचा दिया है. लेकिन अभी भी तीन मुख्य शूटर अरमान , गुड्डू मुस्लिम और साबिर फरार है.  पुलिस इनकी बड़ी सरगर्मी से तलाश कर रही है.

जानिए कैसे हुई थी उमेश पाल की हत्या? 
गौरतलब है कि जनवरी 2005 में राजू पाल की ह्त्या हो गई थी. जिसके मुख्य गवाह रहे उमेशपाल को अतीक अहमद ने फ़रवरी 2006 में अगवा कर लिया था. बाद में मार पीट कर उससे गवाही न देने का हफलनामा लिखवा कर छोड़ दिया था. इस मामले में जब प्रदेश में बसपा सरकार 2007 में आई तब उमेश पाल ने जुलाई 2007 में प्रागराज के धूमनगंज थाने में अपने अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया, जिसमे  लगातार सुनवाई और गवाही चल रही थी. इसी मामले में 24 फ़रवरी 2023 को अपनी आखिरी गवाही दे कर जब उमेश पाल लौट रहे थे तब उनकी ह्त्या कर दी गई.

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