स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की पीठ थपथपाई

श्री सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की समीक्षा की, 13 अप्रैल को भी होगी योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों के साथ विभागीय कामकाज की समीक्षा की। रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय समीक्षा बैठक का आज दूसरा दिन था। बैठक में चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में मैदानी स्तर पर आ रही समस्याओं और उनके निदान पर चर्चा की गई।

बैठक में चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को मिले बजट के खर्च से संबंधित वित्तीय एवं आरओपी (Records of Proceedings) के दिशा-निर्देशों के बारे में मैदानी अधिकारियों को जानकारी दी गई। स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री भोसकर विलास संदीपन, सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक श्री चंद्रकांत वर्मा और महामारी नियंत्रण के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा भी बैठक में मौजूद थे। सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, संभागीय संयुक्त संचालक, जिलों में पदस्थ विभागीय उप संचालक, ज़िला कार्यक्रम प्रबन्धक, जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।

स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने बैठक में कहा कि स्वास्थ्य का क्षेत्र सबसे चुनौतीपूर्ण कार्यक्षेत्रों में से एक है। जीवन और मृत्यु से जुड़ा होने के कारण यह काफी संवेदनशील विभाग है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं डॉक्टरों से मरीजों और उनके परिजनों के साथ संवेदनशील होते हुए अच्छा बर्ताव रखने को कहा। चिकित्सा सेवा की संतुष्टि और मरीजों का भरोसा जीतने के लिए भी यह जरूरी है। श्री सिंहदेव ने बीते वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य विभाग के अच्छे कार्यों और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए बधाई दी।

श्री सिंहदेव ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ में मातृत्व मृत्यु दर में 22 अंकों की गिरावट आई है। विभाग द्वारा मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने के कारण वर्ष 2016 से 2018 के बीच 159 एमएमआर वाले छत्तीसगढ़ का एमएमआर अब घटकर 137 पर पहुंच गया है। प्रदेश में मातृत्व मृत्यु दर का अब तक का यह सबसे न्यूनतम आंकड़ा है। उन्होंने बड़ा लक्ष्य निर्धारित कर इस आंकड़े को और तेजी से घटाने के लिए काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में टीकाकरण का कवरेज 81 प्रतिशत से बढ़कर 95 प्रतिशत हो गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए विभाग के पास पर्याप्त बजट है। स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराने के लिए इसका पूर्ण उपयोग करें। उन्होंने विभाग को वित्तीय वर्ष की शुरूआत से ही योजनाबद्ध ढंग से पूरी क्षमता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न एम्बुलेंस सेवाओं महतारी एक्सप्रेस (102), संजीवनी एक्सप्रेस (108) और शव वाहन (1099) सुविधा के लिए एम्बुलेंस के लोकेशन समुचित ढंग से निर्धारित करने कहा जिससे की जरूरत पड़ने पर तत्काल ये सेवाएं मरीजों को उपलब्ध हो सके। उन्होंने प्रदेश के दूरस्थ अंचलों के ऐसे दुर्गम एवं पहुंचविहीन क्षेत्रों को चिन्हांकित करने कहा जहां पहुंच मार्ग या पुल-पुलिया नहीं होने के कारण एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाता है।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने बैठक में चालू वित्तीय वर्ष के शुरूआती दो महीनों अप्रैल और मई में विभाग द्वारा प्राथमिकता से किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने मैदानी अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में स्थानीय स्वशासन की इकाईयों ग्राम पंचायतों एवं नगर पंचायतों को शामिल करते हुए उनकी सहायता लेने को कहा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रदान करने, सीजीएमएससी द्वारा वेंडरों को भुगतान एवं अस्पतालों में दवा आपूर्ति की अवधि निर्धारित करने के लिए इन्हें लोक सेवा गांरटी में शामिल करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग इसेन्सियल ड्रग लिस्ट (Essential Drug List) की तरह जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए इसेन्सियल इक्वीपमेंट लिस्ट भी जारी करेगा ताकि मरीजों के लिए जरूरी सेवाएं अनिवार्यतः संचालित की जा सके।

स्वास्थ्य विभाग की विभागीय समीक्षा बैठक के दूसरे दिन आज मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार  नियोजन, पीसीपीएनडीटी एक्ट के क्रियान्वयन, गैर-संचारी रोग, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, संचारी रोग, ओपीडी एवं आईपीडी सेवाओं, डायग्नोस्टिक सेवाओं, स्टॉफ के प्रशिक्षण, ब्लड-बैंक, सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों, बायो-मेडिकल वेस्ट प्रबंधन तथा फायर सेफ्टी एंड पॉवर ऑडिट की समीक्षा की गई। विभागीय समीक्षा बैठक के तीसरे दिन 13 अप्रैल को भी विभिन्न सेवाओं एवं योजनाओं की समीक्षा की जाएगी।

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