पुलिस ने आरोपी दिलीप की निशानदेही पर वन विभाग की जमीन में गढ़े कंटेनर से सभी देशी ग्रेनेड बरामद किए गए. बरामदगी की सूचना पाकर क्राइम टीम और बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा था.

दिल्ली से कंट्री मेड हैंड ग्रेनेड बरामदगी मामला में जांच जारी है. जांच एजेंसियां उमेश पाल हत्याकांड में जिस तरह देशी बम का इस्तेमाल हुआ उस एंगल पर तफ्तीश कर रही है. मामले में 33 साल के दिलीप को गिरफ्तार किया गया है.

आरोपी दिलीप ने खुलासा किया कि उसके दोस्त काशीराम उर्फ सोनू ने उसे 10 देशी हैंड ग्रेनेड सुरक्षित रखने के लिए सौंपा था. उसने सभी ग्रेनेड को एक प्लास्टिक के कंटेनर में रखा और उक्त कंटेनर को मेट्रो विहार में नाले के पास एक सुनसान जगह पर गड्ढा खोदकर जमीन में गाड़ दिया.

आरोपी दिलीप की निशानदेही पर वन विभाग की जमीन में गढ़े कंटेनर से सभी देशी ग्रेनेड बरामद किए गए. बरामदगी की सूचना पाकर क्राइम टीम और बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा था. दिल्ली पुलिस ने विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा-286, आईपीसी 3/4/5 के तहत मामला दर्ज किया.

एजेंसियों की मानें तो काशीराम ने ही हैंड ग्रेनेड दिलीप को दिए थे. काशीराम के पकड़े जाने के बाद ही पूरी साजिश का पता लगेगा. सूत्रों के अनुसार पुलिस को पता लगा है कि काशीराम पहले भी ऐसी वारदात में शामिल रहा है.

आरोपी पहले चोरी के करीब आधा दर्जन मामलों में शामिल रहा है. ये सभी मामले साल 2010 के समय के हैं. उसके बाद आरोपी ने चोरी करना छोड़ दिया और ग्रेनेड की आपूर्ति करने लगा. दिल्ली में किसी एक जगह से पहली इतनी बड़ी संख्या में हैंड ग्रेनेड (देशी हथगोले)मिले हैं.

दिल्ली पुलिस ने इससे पहले 12 जनवरी को जहांगीरपुरी इलाके से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों के पास से दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए थे.

सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम दिया गया था और उसमें जिस तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था वो दिल्ली से बरामद हैंड ग्रेनेड का पैटर्न मिलता जुलता है. इसलिए एजेंसी इस एंगल पर तफ्तीश कर रही है.

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