तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि वह भाजपा की विरोधी है, लेकिन उनका विरोध करने का तरीका अलग है. हमारी हर तरफ नजर बनी हुई है.

नई दिल्‍ली: 

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में कांग्रेस और अन्‍य विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी को घेरने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्‍व में सत्‍ता पक्ष को घेरने के लिए रणनीति भी बन रही है. लेकिन तृणमूल कांग्रेस विपक्षी दलों के साथ खड़ी नजर नहीं आ रही है. तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि वह भाजपा की विरोधी है, लेकिन उनका विरोध करने का तरीका अलग है. हमारी हर तरफ नजर बनी हुई है.

कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दलों ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए आगे की रणनीति पर मंगलवार को चर्चा की. तृणमूल कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं हुई. उसके सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े विषय को लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन किया. इस पर तृणमूल सांसद और पार्टी प्रवक्‍ता शांतनु सेन ने कहा, “बीजेपी का समर्थन और विरोध करने के लिए अलग-अलग पार्टियां हैं. इन सबका अपना-अपना तरीका और अपनी-अपनी रणनीति होती है. जहां तक टीएमसी की बात है, हम शुरू से बीजेपी के विरोध में हैं. हम उसके खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहे हैं. हमारा विरोध जारी रहेगा, लेकिन उसके लिए तरीका भी हमारा ही होगा.”

तृणमूल प्रवक्‍ता ने कहा, “हमने कभी भी अडानी के मुद्दे को लेकर जेपीसी की मांग नहीं की है. हम लोगों ने सुप्रीम कोर्ट मॉनिटर करने वाली जांच की मांग की है. हमें लगता है कि अगर जेपीसी जांच करेगी, तो उसका चेयरमैन रूलिंग पार्टी का ही होगा, तो उससे क्या फायदा होगा? इसलिए हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट मॉनिटर जांच हो. सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है, उसको और एक्सीलरेट करना चाहिए. क्या सच है ये जनता को बताना चाहिए. आने वाले समय में इस बात का सबूत मिलेगा, तो कमेटी ठीक से काम कर रही है या नहीं, तभी हम लोग इस पर बोलेंगे. हम लोग उसके काम को फॉलो करेंगे, तब उसके ऊपर हम लोग बाद में बोलेंगे.”

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