कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद आंबेडकर अस्पताल में बनाए गए कोविड वार्ड वीरान हो गए हैं। कुछ बेड तो दूसरे मरीजों के लिए उपयोग किया जाने लगा है मगर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग को संभावित तीसरी लहर के लिए रिजर्व रखा गया है। अभी आवश्यकता नहीं होने की वजह से वह खंडहर सा प्रतीत हो रहा है। कोरोना की पहली लहर के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंबेडकर अस्पताल के पांच विभाग के वार्ड को मिलाकर कोविड आईसोलेशन वार्ड बनाया गया था। यहां कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए पांच सौ बेड का इंतजाम किया गया था। कोरोना की पहली के बाद दूसरी लहर आने के दौरान भी संक्रमितों के इलाज के लिए कोविड वार्ड का बेहतर उपयोग किया गया। वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर खत्म हो चुकी है और संक्रमित मरीजों के जाने के बाद आइसोलेशन वार्ड का हिस्सा वीरान हो चुका है।
खासकर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, शिशु रोग और रेस्पिरिटी विभाग के खाली हो जाने के बाद उस हिस्से में आवाजाही भी नहीं के बराबर है जिसकी वजह से वह क्षेत्र वीरान होने के साथ अंधकार में डूबा हुआ है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक संबंधित हिस्से में आने वाले दिनों में निर्माण कार्य किया जाना है। साथ ही उसे संभावित कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए रिजर्व रखना है इसलिए उस हिस्से का उपयोग नहीं किया जा रहा है। देखरेख और साफ-सफाई के अभाव में स्त्री एवं प्रसूति रोग वाले उस हिस्से में सन्नाटा पसरा हुआ है। इस विभाग का संचालन अभी भी जिला अस्पताल पंडरी तथा शिशु रोग विभाग कालीबाड़ी अस्पताल में संचालित हो रहा है।
बेड में कटौती
कोरोना के मरीज कम होने के बाद कोविड मरीजों के लिए रिजर्व किए गए पांच सौ में से तीन सौ बेड की कटौती कर दी गई थी। इन बेड का उपयोग अब हड्डी रोग विभाग, मेडिसिन विभाग के मरीजों के लिए किया जा रहा है। स्त्री रोग विभाग की ओपीडी वाले हिस्से में अभी निर्माण कार्य किया जा रहा है।
2 सौ बेड का आईसीयू
भविष्य में आंबेडकर अस्पताल में आने वाली तीसरी लहर को देखते हुए 200 बेड के आईसीयू बनाने की योजना बनाई गई है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में आईसीयू को लेकर मची मारामारी से सीख लेते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा संभावित तीसरी लहर को लेकर इसकी योजना बनाई गई है।
अभी शिफ्टिंग नहीं
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की अभी शिफ्टिंग नहीं की जाएगी। संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए इसे रिजर्व रखा जाएगा। संबंधित विभाग में आक्सीजन पाइप लाइन बिछाने का काम भी पूरा किया जाना है।