विधेयक के प्रावधानों के तहत परीक्षा पत्र लीक करने जैसे कदाचार में शामिल लोगों को 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है और उन पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

अहमदाबाद: 

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सरकारी भर्तियों के परीक्षा पत्र लीक होने की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए बजट सत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार द्वारा लाए एक विधेयक को मंजूरी दे दी है. इस विधेयक के तहत ऐसे मामलों में शामिल लोगों को 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने की सजा देने का प्रावधान है. गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने सोमवार को बताया कि सदन ने 24 फरवरी को गुजरात लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2023 सर्वसम्मति से पारित किया था और अब राज्यपाल देवव्रत ने इसे मंजूरी दे दी है.

विधेयक के प्रावधानों के तहत परीक्षा पत्र लीक करने जैसे कदाचार में शामिल लोगों को 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है और उन पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

यह विधेयक उन लोगों पर नकेल कसने के लिए लाया गया है, जो किसी भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करते हैं, अवैध तरीके से प्रश्न पत्र खरीदते हैं या गैरकानूनी तरीके से ऐसा कोई पत्र हल करते हैं.

विधेयक में कहा गया है कि ऐसी गतिविधि में शामिल किसी भी उम्मीदवार को तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है और उस पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

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