भारतीय शिल्प संस्थान जयपुर में शिल्प डिजाईन की दी जायेगी चार वर्षीय शिक्षा 

छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा संचालित है योजना 

राज्य सरकार प्रदेश के शिल्प और शिल्पियों के बच्चों को डिजाइन एवं तकनीकी शिक्षा प्रदान करने विशेष पहल की है। शिल्पियो के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भारतीय शिल्प संस्थान जयपुर में डिजाईन एवं तकनीकी विकास शिक्षा योजना के अंतर्गत 04 वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम (बैचलर ऑफ डिजाईन) में शिक्षा प्रदान की हैं।  शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिये शिल्पियों के बच्चों से डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 24 फरवरी तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं ।

छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय शिल्प संस्थान में शिल्प डिजाईन एवं तकनीकी विकास शिक्षा में प्रवेश के लिए 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं अधिकतम आयु 25 वर्ष होना चाहिए। शिल्प छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प विकास बोर्ड द्वारा डिजाईन शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु बच्चे के माता-पिता का 05 वर्षों का बोर्ड में पंजीयन या विकास आयुक्त (हस्तशिल्प). भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय नई दिल्ली का परिचय पत्र भी अनिवार्य हैं। शिल्प डिजाईन शिक्षा हेतु चयनित शिल्पियों के बच्चों को योजना में प्रावधानित अनुसार वित्तीय एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जावेगी।

अधिकारियों ने बताया हैं कि क्राफ्ट एवं डिजाईन शिक्षा में स्नातक पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिल्पियों को शिल्प डिजाईन में पूर्ण ज्ञान उपलब्ध कराया जाकर आत्मनिर्भर बनाना है,। शिल्पियों के बच्चे अपना स्वयं का व्यवसाय करते हुये प्रदेश के अन्य शिल्पियों को अपने व्यवसाय में रोजगार दे सके।इच्छुक अभ्यर्थी हस्तशिल्प विकास बोर्ड के निर्धारित आवेदन पत्र में जानकारी भरकर जिले में स्थित छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के कार्यालय में अंतिम तिथी तक जमा कर सकते है। आवेदन पत्र एवं नियम शर्तें बोर्ड की वेबसाईट ूूूण्बहींदकपबतंजिण्बमेजंजमण्हवअण्पद पर भी उपलब्ध है।

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