रीपा से आत्मनिर्भर बनने की शुरू हुई कवायद
मशरूम के व्यवसाय से जुड़ी 12 में से 10 सदस्य है दिव्यांग

यह कहानी है हौसलों की उस उड़ान की, जो उन लोगों द्वारा एक संकल्प और विश्वास के साथ शुरू की गई है, जिन्हें उड़ने की तमन्ना तो है, लेकिन कभी उड़ान भरा नहीं। वे जिंदगी की सफर में ठीक से चल ही नहीं पाये, क्योंकि उन्हें अब तक ऐसा कोई मिला नहीं, जो उन्हें यह बता सकें कि कुछ पाने के लिए कुछ करना पड़ता है और मंजिल पर पहुंचने के लिए आगे बढ़ना भी पड़ता है। अब जबकि उन्हें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा गौठानों में प्रारंभ किये गये ग्रामीण औद्योगिक पार्क रीपा से मदद तथा जांजगीर-चाम्पा जिले के कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी से प्रेरणा मिल गई है तो इनके अपने मंजिल पर पहुंचने का सफर भी धीमी चाल से शुरू हो गया है, और संभव है कि इस सफर की रफ्तार बढ़ेगी, कई ख्वाहिशें पूरी होंगी।

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