कलेक्टर ने जिला समन्वय समिति की बैठक लेकर कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु दिए आवश्यक दिशा निर्देश
जिला कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आज कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में आगामी 10 फरवरी को आयोजित राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के क्रियान्वयन के सम्बंध में चर्चा की गई। कलेक्टर श्री लंगेह ने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु उपस्थित सर्व सम्बन्धितों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान लक्षित बच्चों के अनुसार पर्याप्त मात्रा में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत जिले में 10 फरवरी को समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों, शासकीय विद्यालयों, शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं, केन्द्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, मदरसों, निजी स्कूलों, अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों, महाविद्यालयों, तकनीकी शिक्षा संस्थानों के माध्यम से 01 से 19 वर्षीय के 95 हजार 300 लक्षित बच्चों तथा किशोर-किशोरियों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और शिक्षकों के द्वारा आयु अनुसार कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजॉल की गोली का सेवन कराया जाएगा।
डिवर्मिंग के फायदे-
कार्यक्रम के तहत डिवर्मिंग से पहले बच्चों में खांसी, बुखार, सांस फूलना जैसे अन्य लक्षणों की जांच भी की जायेगी।डिवर्मिंग से बच्चों में रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि होती है, स्वास्थ्य और पोषण में सुधार, एनीमिया में नियंत्रण, सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार तथा वयस्क होने पर काम करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है।
ये हैं कृमि संक्रमण के लक्षण-
गंभीर कृमि संक्रमण से दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख ना लगना सहित कई लक्षण हो सकते हैं। एक बच्चे कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमित में उतने ही अधिक लक्षण होंगे।