रायपुर में वन महानिदेशक भारत सरकार की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न

भारत सरकार वन महानिदेशक एवं विशेष सचिव, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री चंद्र प्रकाश गोयल की अध्यक्षता में आज वन मुख्यालय अरण्य भवन, नवा रायपुर में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में वन महानिदेशक एवं अन्य अधिकारियों के द्वारा नरवा योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में किये जा रहे कार्यों की सराहना की गई एवं छत्तीसगढ़ में जिस पद्धति से नरवा योजना अंतर्गत भू-जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में तकनीकी मार्गदर्शिका तैयार कर भारत शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ऐसी कार्य पद्धति से अन्य राज्यों में भू-जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यों को कराने हेतु मार्गदर्शिका जारी की जा सके।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री व्ही. श्रीनिवास राव के द्वारा छत्तीसगढ़ में नरवा योजना के अंतर्गत कराये जा रहे कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया। भारत शासन के श्री रमेश कुमार पांडे वन महानिरीक्षक वन एवं जलवायु परिवर्तन ने कहा कि भू-जल संरक्षण की दिशा में नरवा विकास योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में अत्यंत सराहनीय कार्य किया जा रहा है। इन कार्यों द्वारा स्थानीय निवासियों को प्राप्त आर्थिक एवं सामाजिक लाभ का अध्ययन किसी मान्यता प्राप्त संस्थान जैसे भारतीय वन प्रबंधन संस्थान से कराया जाए ताकि स्थानीय वनवासियों को इस योजना से होने वाले लाभ के बारे सही-सही आंकलन किया जा सके। उनके द्वारा नरवा विकास योजना के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों का अन्य राज्यों एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये गए।
साथ ही छत्तीसगढ़ के अधिकारियों को इंदिरा गांधी भारतीय वन एकेडमी देहरादून जाकर वहां के प्रशिक्षु भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को 02 दिवसीय प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये गए। वन महानिदेशक, भारत शासन द्वारा नरवा विकास के तहत कराये जा रहे भू-जल संरक्षण कार्याे का प्रस्तुतीकरण हेतु राष्ट्रीय स्तर में कार्यशाला का आयोजन करने हेतु निर्देश दिए गए। अतिरिक्त सचिव एवं वित्त सलाहकार, वन एवं जलायु परिवर्तन मंत्रालय श्री प्रवीर पांडे ने कहा कि नरवा योजना का सही ढंग से क्रियान्वयन कर अन्य योजना के साथ अभिसरण करते हुए ग्रामीणों को अधिक से अधिक लाभ दिलाएं। इस तारतम्य में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री संजय शुक्ला ने बताया कि नरवा योजना में किए गए कार्यों का शासन के अन्य योजनाओं से अभिसरण किया जा रहा है, जिससे स्थानीय वन वासियों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो रहा है।
तत्पश्चात् लघु वनोपज संघ के अतिरिक्त प्रबंध संचालक श्री अनिल रॉय द्वारा लघु वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर्गत वन उत्पादों की खरीदी के संबंध में प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि लघु वनोपज खरीदी में स्वसहायता समूह का प्रशिक्षण एवं कौशल विकास उन्नयन कर 13.5 लाख परिवारों के आजीविका में वृद्धि की जा रही है। लघु वनोपज संघ के द्वारा तेन्दूपत्ता संग्रहण के साथ-साथ लघु वनोपज का संग्रहण एवं प्रसंस्करण कर निर्मित उत्पादों के मूल्य वृद्धि कर मार्केटिंग आदि के बारे में जानकारी दी गई। भारत शासन के अधिकारियों द्वारा लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की गई। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री संजय शुक्ला द्वारा बताया गया कि कोदो, कुटकी, रागी के न्यूनतम समर्थन मूल्य छत्तीसगढ़ शासन द्वारा घोषित की गई एवं मिलेट कफे हर जिले में संचालन किये जाने की जानकारी दी गई जिसकी भारत शासन के अधिकारियों द्वारा प्रशंसा की गई।
उन्होंने बताया कि 17 फरवरी से 19 फरवरी 2023 को राष्ट्रीय मिलेट कार्निवाल का आयोजन रायपुर में रखा गया है। उनके द्वारा मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के बारे में भी अवगत कराया गया। जिसका मुख्य उददेश्य कृषकों/अन्य हितग्राहियों के निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण कर सहयोगी संस्था, निजी कंपनियों के माध्यम से इस योजना के हितग्राहियों से उत्पाद का वापस खरीद (Buyback) सुनिश्चित करते हुए उनके आय में बढ़ोत्तरी करना काष्ठ एवं प्लाईवुड आधारित उद्योगों को बढ़ावा देते हुए अतिरिक्त कर के रूप में शासन के राजस्व में वृद्धि लाना एवं रोजगार सृजन करना है।
भारत शासन के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि देश में केवल छत्तीसगढ़ एवं केरल राज्य में वन विभाग द्वारा मिलेट के क्षेत्र में कार्य किये जा रहे हैं। वन महानिदेशक श्री चंद्रप्रकाश गोयल ने लघु वनोपज के संग्रहण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की गई। अंत में वन्यप्राणी प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री सुधीर अग्रवाल द्वारा बाघ संरक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों का संक्षिप्त प्रस्तुतिकरण किया गया।
इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी (राष्ट्रीय कम्पा) श्री सुभाष चंद्रा, महानिदेशक वन एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय वन एवं जलवायु परिवर्तन नागपुर श्री वी. एन. अंबाडे, अतिरिक्त महानिदेशक वन्यप्राणी, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री अमित मलिक, महानिरीक्षक वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री रमेश कुमार पांडे, महानिदेशक एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय उड़ीसा श्री ए.टी. मिश्रा तथा उप वन महानिदेशक वन एवं जलवायु परिवर्तन श्रीमती पदमा महंती, उपवन महानिदेशक वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री श्रवण कुमार वर्मा, डायरेक्टर वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री जेरोम मिंज सहित संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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