छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के साथ गरीबों को त्वरित इलाज मुहैया कर उन्हें स्वस्थ बनाने की दिशा में उठाए गए कदम का ही परिणाम है कि मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना ने महज 9 माह में ही गरीब परिवारों का दिल जीत लिया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के दिशा-निर्देशन में एक नवंबर 2020 को प्रदेश के 14 नगर पालिक निगमों में प्रारंभ हुई मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना से अभी तक 6 लाख 65 हजार से अधिक मरीजों को उपचार हो चुका है। खास बात यह भी है कि मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से शहर के झुग्गी इलाकों में पहुंचकर शिविर के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद परिवारों का इलाज करने वाली इस योजना के क्रियान्वयन पर जब नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सर्वे कराया तो योजना का लाभ उठाने वाले 93 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना को अब्बड़ बढ़िया (एक्सीलैंट), 4.18 प्रतिशत लोगों ने बने-बने (गुड) देकर इसकी सफलता पर मुहर लगाई है।
इस योजना का धरातल पर क्रियान्वयन और मरीजों को मिल रहे लाभ की हकीकत जानने जब नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा फीडबैक पोल कराया गया तो इलाज कराने वालों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। कुल 88,885 लोगों का फीडबैक प्राप्त हुआ, जिसमें 82734 ने ग्रीन बटन दबा कर अब्बड़ बढ़िया को चुना। 3723 ने यलो बटन दबाकर योजना को बने-बने अर्थात अच्छा बताया। रायपुर में 20192 ने अब्बड़ बढ़िया और 463 ने बने-बने के लिए अपना फीडबैक दिया। भिलाई में 9470, रिसाली में 9423, कोरबा में 6480, बिलासपुर में 4500, दुर्ग में 4520, अम्बिकापुर में 5378, जगदलपुर में 5938, भिलाई चरोदा में 4502 और राजनांदगांव में 5045 लोगों ने इलाज की सुविधा कइसे लागिस बटन दबाव अउ बताव फीडबैक पोल में ग्रीन बटन दबाकर अब्बड़ बढ़िया लागिस को चुना। रायगढ़ में 2744 फीडबैक पोल में से सभी ने ग्रीन बटन दबाकर अब्बड़ बढ़िया को चुना। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा कराए गए फीडबैक पोल में तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर इलाज कराने वालों से प्रतिक्रिया ली गई। विकल्प में हरा बटन को अब्बड़ बढ़िया, पीला बटन को बने-बने और लाल बटन को सुधारें ला लागहि रखा गया था। 2 प्रतिशत हितग्राहियों ने लाल बटन दबाकर इस योजना में सुधार की बात भी कही है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के द्वारा जिला स्तर पर गठित अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी के माध्यम से संचालित इस योजना की सतत् मॉनीटरिंग भी की जाती है। चेहरा पढ़कर उपस्थिति दर्ज कराने वाली मोबाइल एप्प निष्ठा, रियल टाइम जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा आदि की सुविधा भी योजना को बेहतर बनाने के लिए की गई है। जन शिकायत निराकरण हेतु निदान 1100 टोल-फ्री नंबर की सुविधा के साथ-साथ फीडबैक मशीन की सुविधा भी नागरिकों हेतु एमएमयू में उपलब्ध है। जिसके माध्यम से लोग अपनी प्रतिक्रया व्यक्त करते हैं।
सभी का बेहतर इलाज कर करेंगे संतुष्ट- मंत्री डॉ. डहरिया
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना को गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बहुत अच्छी योजना बताते हुए कहा कि हर गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति चाहता है कि यदि वह बीमार पड़े तो उसे अपने इलाज के लिए भटकना न पड़े। छोटी-छोटी बीमारी के लिए अपने काम धंधे बंद कर डाक्टरों से अपॉइंटमेंट लेना और कतार में लग कर इलाज कराने से हर कोई बचना चाहता है। लोगों की जरूरतों को ध्यान रख छत्तीसगढ़ में शुरू की गई मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना अब इन्हीं उद्देश्यों और लक्ष्यों को न सिर्फ पूरा कर रही है। सर्वें में इलाज के बाद लोगों की मिल रही प्रतिक्रिया यह सिद्ध करती है कि योजना का क्रियान्वयन सही तरीके से हो रहा है। कुछ स्थानों पर पढ़ा सुधार की कोई गुंजाइश है उसे भी ठीक किया जा रहा है। उन्होंने मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से सभी जिलों के निकायों में इसका विस्तार करने की बात कही।
सभी जिला में होगा योजना का विस्तार, 60 एमएमयू बढ़ेंगे
कोरोना काल में कोविड जांच सहित वैक्सीनेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली मोबाइल मेडिकल यूनिट एवं योजना की मिल रही सफलता को देखते हुए इसका विस्तार की दिशा में तैयारी कर ली गई है। वर्तमान में 14 नगर पालिक निगम क्षेत्रों में संचालित मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित की जा रही है। इस योजना से स्लम क्षेत्रों के लाखों मरीजों को समय पर उनके ही घर के आसपास उपचार मिल रहा है। पहले चरण में रायपुर में 15, कोरबा में 8, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, जगदलपुर, अम्बिकापुर में 4-4, भिलाई में 3 और रिसाली, भिलाई चरोदा, धमतरी, बिरगांव, चिरमिरी में 2-2 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित की जा रही है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जिलावार 155 निकायों को भी इस योजना से लाभान्वित करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। 60 नए मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित करने की तैयारी की जा रही है। जिसमें बलौदाबाजार भाटापारा,रायगढ़ में 4, रायपुर, कबीरधाम, राजनांदगांव, बालोद,बिलासपुर और कोरिया में 3-3 जांजगीर-चाम्पा में 6, बेमेतरा, दुर्ग, मुंगेली, बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर, कांकेर और दंतेवाड़ा में 2-2 ,गरियाबंद, कोरबा, गौरेला पेण्ड्रा मरवाही, सरगुजा, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा सहित बीजापुर में 1-1 मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन कर योजना का विस्तार किया जाएगा ताकि इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ सभी निकायों में रहने वाले जरूरमंद और गरीब परिवारों को स्वास्थ्य लाभ मिल सकें।
मेडिकल टीम के साथ मुफ्त दवा और 41 प्रकार की लैब टेस्ट की सुविधा
मोबाइल मेडिकल यूनिट में एमबीबीएस डाक्टर के साथ फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशियन, मरीजों की सेवा के लिए एएनएम तथा एमएमयू चालक सेवाएं दे रहे हैं। एमएमयू के माध्यम से 41 प्रकार के विभिन्न लैब टेस्ट किए जाते हैं। इनमें खून, मल-मूत्र, थूक, टीबी, थायराइड, मलेरिया, टाइफाइड आदि की जांच की जाती है। एमएमयू में पैरासिटामाल, ब्रूफेन, मेटफार्मिन, एटेनोलोल, बी-कामप्लेक्स, आयरन, फोलिकएसिड, सिफालेक्सिन, एमोक्सिसिलिन, लिमसी, ओआरएस, टिटेनस इंजेक्शन, रैबिज इंजेक्शन आदि दो सौ प्रकार की दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ ही ब्लड-प्रेशर मापने की मशीन, शुगर टेस्ट की मशीन, ईसीजी मशीन, आक्सीजन सिलेण्डर आदि की भी व्यवस्था है।
7 लाख से अधिक मरीज उठा चुके हैं लाभ
1 नवम्बर 2020 को प्रदेश के 14 नगर पालिक निगम में शुरू हुई 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से अब तक लगभग 13 हजार शिविर स्लम क्षेत्रों में लगाए गए है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत मोबाइल मेडिकल यूनिट से 7 लाख से अधिक मरीजों का उपचार किया जा चुका है। इसमें महिलाओं के लिए प्रारंभ की गई दाई-दीदी क्लीनिक योजना से हुए उपचार की संख्या भी शामिल है। दाई-दीदी क्लीनिक की एमएमयू में महिला एम.बी.बी.एस. डाक्टर, महिला एनएमए, महिला फार्मासिस्ट अपनी सेवाएं प्रदान करती हैं, जिससे महिला मरीजों को अपना ईलाज कराने में संकोच नहीं होता है। यह देश की एकमात्र महिला स्पेशल एमएमयू परियोजना है।
रायपुर में सबसे अधिक 3277 शिविर में 1 लाख 79 हजार 698 मरीज लाभान्वित हुए हैं और 164588 मरीजों को दवा का वितरण किया गया है। कोरबा में 1464 कैंप में 75378, बिलासपुर में 875 कैंप में 64650, दुर्ग में 879 कैंप में 43230 और राजनांदगांव में 869 शिविर में 46430 मरीज लाभान्वित हुए हैं। इसी तरह भिलाई में 659 कैंप में 42253, रिसाली में 444 कैंप में 23723 भिलाई चरोदा में 435 कैंप में 22501, अंबिकापुर में 745 कैंप में 36293, जगदलपुर में 808 कैंप में 35945, रायगढ़ में 791 कैंप में 42777, कोरिया चिरमिरी में 341 कैंप में 14800, बीरगांव में 404 कैंप में 21614 मरीज लाभान्वित हुए हैं। दाई-दीदी क्लीनिक का रायपुर, बिलासपुर और भिलाई नगर निगम में अच्छा रिस्पांश मिल रहा है। 612 कैंपों में 38075 महिलाएं इससे लाभन्वित हुई है।