बिहार में जातिगत जनगणना कराने के खिलाफ तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं.  याचिकाएं एक सोच एक प्रयास नामक संगठन, हिंदू सेना और बिहार निवासी अखिलेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की हैं.

नई दिल्‍ली: बिहार में जातिगत जनगणना के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि ये याचिकाएं पब्लिसिटी इंट्रेस्ट का मामला लगती हैं. याचिकाकर्ता इस मामले में पटना हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए ये बात कही. जस्टिस गवई ने टिप्पणी की कि अगर रोक लगाई गई, तो सरकार कैसे निर्धारित करेगी कि आरक्षण कैसे प्रदान किया जाए?

बिहार में जातिगत जनगणना कराने के खिलाफ तीन याचिकाएं दाखिल की गई हैं.  याचिकाएं एक सोच एक प्रयास नामक संगठन, हिंदू सेना और बिहार निवासी अखिलेश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की हैं. हिन्दू सेना ने अपनी याचिका में कहा है कि बिहार सरकार जातिगत जनगणना कराकर भारत की अखंडता एवं एकता को तोड़ना चाहती हैं इसमें जातिगत जनगणना कराने के बिहार सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

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