तेजस्वी यादव ने दोहराया कि उनके पिता एवं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और जदयू के शीर्ष नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच बेहतर तालमेल है और दोनों महागठबंधन के शीर्ष नेता हैं, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि दोनों पक्षों में से किसी ने क्या कहा.
पटना:
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपनी पार्टी राजद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दल जदयू के नेताओं के बीच हाल में हुए वाकयुद्ध के बारे में पत्रकारों के सवालों पर भड़क गये. उन्होंने सोमवार को उल्टे पत्रकारों से ही पूछ लिया कि उनके संगठनों में संपादक चीजों को तय करते हैं या संवाददाता संपादकों को बताते हैं कि क्या करना है. हाल के दिनों में दोनों सत्ताधारी दलों के प्रवक्ताओं द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ की जा रही बयानबाजी के बारे में मीडियाकर्मियों द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने उक्त टिप्पणी की.
पूर्व में एक-दूसरे की प्रतिद्वंद्वी रहे राजद और जदयू छह महीने से भी कम समय पहले एक-दूसरे के सहयोगी बन गये थे. लेकिन हाल के दिनों में नेताओं के बीच बयानबीजी से दोनों दल टकराव के रास्ते पर दिखाई दे रहे हैं. दोनों सत्ताधारी दलों के बीच टकराव की स्थिति को राज्य के शिक्षा मंत्री और राजद नेता चंद्रशेखर द्वारा ‘‘रामचरितमानस” के बारे में की गई विवादास्पद टिप्पणी से जोड़कर देखा जा रहा है.
जदयू के कुछ नेताओं को चिंता है कि भाजपा राजनीतिक लाभ उठाने के लिए शिक्षा मंत्री की टिप्पणी को तूल देने की की कोशिश में लगी है. इसके मद्देनजर जदयू मंत्री के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में है, लेकिन राजद गठबंधन सहयोगी के सुझाव पर अमल नहीं करते हुए मामले को संभलने में जुट गई है.
यादव ने दोहराया कि उनके पिता एवं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और जदयू के शीर्ष नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच बेहतर तालमेल है और दोनों महागठबंधन के शीर्ष नेता हैं, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि दोनों पक्षों में से किसी ने क्या कहा.
हालांकि, जब उनसे स्पष्ट रूप से पूछा गया कि वह मंत्री के बयानों का समर्थन करते हैं या उसकी आलोचना करते हैं, तो तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘संविधान में सभी धर्मों के लिए समान सम्मान की बात है. हमारे लिए संविधान एक पवित्र पुस्तक की तरह है. लेकिन ऐसे मुद्दों पर बहस करने से गरीबी, बेरोजगारी जैसी समस्याओं को हल करने में कोई मदद नहीं मिलेगी.”
यादव ने राजद और जदयू के बीच कोई अनबन नहीं होने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि महागठबंधन में ‘‘दरार” की चर्चा भाजपा की सुनियोजित साजिश है.
महाराष्ट्र में पिछले साल हुए राजनीतिक उथल-पुथल को क्या भाजपा बिहार में भी दोहराना चाहती है? इसके जवाब में राजद नेता ने कहा कि भाजपा ने कुछ महीने पहले यहां महाराष्ट्र जैसी कोशिश की थी पर यहां उल्टा हो गया.
यादव का इशारा पिछले साल अगस्त महीने में बिहार में हुए राजनीतिक उथल-पुथल की ओर था जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने भाजपा से नाता तोड़कर प्रदेश में राजद सहित अन्य दलों के साथ मिलकर प्रदेश में महागठबंधन की नई सरकार बना ली थी.