प्रतिबंधित माओवादी समूह के दक्षिण बस्तर संभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुआ. पामेद, मार्कंगुडा, मेट्टागुडा, सकिलेर, रसापल्ली, एर्रपाड गांव में ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का उपयोग कर हवाई हमले जारी हैं.

छत्तीसगढ़, तेलंगाना और ओडिशा के ट्राई-जंक्शन सुकमा में सुरक्षा बलों का बड़ा ऑपरेशन चल रहा है. इसका मकसद कई घातक हमलों के मास्टरमाइंड और भाकपा (माओवादी) के बटालियन नंबर 1 का कमांडर मदावी हिड़मा को निशाना बनाना है. इसके साथ ही इस इलाके से माओवादियों को हमेशा के लिए खत्म करना है. गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले माओवादी उग्रवाद का सफाया कर दिया जाएगा.

इतने बड़े पैमाने पर तैनाती कभी नहीं की गई थी

सूत्रों के अनुसार, इस तरह के किसी भी ऑपरेशन में सैनिकों की इतने बड़े पैमाने पर तैनाती कभी नहीं की गई थी. क्योंकि कार्रवाई में हेलिकॉप्टरों को लगाया गया है. सीआरपीएफ की कमांडो यूनिट कोबरा, छत्तीसगढ़ पुलिस और तेलंगाना पुलिस के तेजतर्रार लोग इस ऑपरेशन में लगे हुए हैं. इस ऑपरेशन में सटीक जगह का पता लगाने के लिए यूएवी का इस्तेमाल भी गया था. सीआरपीएफ के छत्तीसगढ़ सेक्टर के महानिरीक्षक कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “बीजापुर-सुकमा (छत्तीसगढ़)-तेलंगाना के सीमावर्ती क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन की एक यूनिट को हेलिकॉप्टर से फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस पर भेजा जा रहा था, जब टीम हेलिकॉप्टर से उतर रही थी, तभी कोबरा कमांडो और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई. यह देखकर कि सुरक्षाकर्मी उन पर निशाना साधने में कामयाब हो रहे हैं, माओवादी भाग निकले. कोबरा कमांडो को कोई नुकसान नहीं हुआ है और घटना में माओवादियों को हुए नुकसान की जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है. इलाके में तलाशी अभियान जारी है.”

माडवी हिडमा भी हमले में घायल

प्रतिबंधित माओवादी समूह के दक्षिण बस्तर संभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुआ. पामेद, मार्कंगुडा, मेट्टागुडा, सकिलेर, रसापल्ली, एर्रपाड गांव में ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का उपयोग कर हवाई हमले जारी हैं. इसके कारण किसान डरे हुए हैं और वे अपने खेतों में जाने में असमर्थ हैं. भय के कारण पूरे क्षेत्र के लोग डरे हुए हैं. यह ऑपरेशन गृह मंत्री अमित शाह की माओवादियों को जड़ से उखाड़ने की योजना का एक हिस्सा है. सूत्रों के अनुसार, इसमें कुछ जवान भी घायल हुए हैं, लेकिन वे सुरक्षित हैं. गोलियां एक हेलिकॉप्टर में भी लगीं, जो सुकमा के एलमागुंडा शिविर में उतरा. ऐसी अपुष्ट खबरें हैं कि 55 वर्षीय माडवी हिडमा भी हमले में घायल हो गया है.

कौन है हिडमा और किन हमलों में रहा है शामिल

हिडमा माओवादी पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी बटालियन 1 का कमांडर है. दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य है. वह 2004 से अब तक 25 से अधिक हमलों में शामिल रहा है. उसने कुछ सबसे बड़े हमले 2010 में किए थे. उसने दंतेवाड़ा में हमले का नेतृत्व किया था, जब सीआरपीएफ के 76 जवान मारे गए थे. 2013 में झीरम घाटी में हुए हमले में उसका नाम आया था, जिसने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेतृत्व का सफाया कर दिया था. उसके सिर पर कुल 45 लाख रुपये का इनाम है.

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