राजधानी रायपुर में बच्चों में कोरोना और डेंगू का संक्रमण के मामले सामने आने लगे है। जानकारी के मुताबिक सरकारी और निजी लैबों में एंटीबॉडी टेस्ट करवाने वाले बच्चों में इसके लक्षण मिले है। कई बच्चों में कोरोना और डेंगू जैसे लक्षण दिखने लगे है। रोजाना काफी बड़ी संख्या में लोग कोरोना की जांच करवा रहे है। कोरोना का कहर अब तो मासूम बच्चों पर भी पडऩे लगा है। रायपुर में बच्चों के कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा आंकड़ा है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग के साथ बच्चों के सरकारी अस्पताल और निजी अस्पताल भी तेज़ी से काम कर रहा है।
कोरोना महामारी की तीसरी लहर के दूसरे से भी अधिक तेज हो सकता है ऐसा डॉक्टरों का अनुमान है क्योंकि ये लहर बच्चों में जल्दी असर करेगा इस लिए कोरोना की तीसरी लहर खतरनाक साबित हो सकती है। हालांकि, यह ऐसा कुछ नहीं है जिसकी भविष्यवाणी की जा सकती हो।
डेंगू का प्रकोप बढ़ा राजधानी में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है, रायपुर के नगर निगम कॉलोनी, बजरंग नगर, आमापारा बस्ती, शिव नगर, तात्यापारा के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में डेंगू का कहर बढऩे लगा है। एक-एक कर डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अभी तक करीब 2 दर्जन लोग डेंगू से पीडि़त है। सभी मरीजों का अलग-अलग हॉस्पिटलों में इलाज जारी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वयस्क मच्छरों को काबू में करने के लिए कीटनाशक धुंआ किसी हद तक प्रभावी हो सकता है. मच्छरों को काटने से रोक देना भी एक तरीका है, लेकिन इस प्रजाति के मच्छर दिन में काटते है. जिससे मामला गंभीर बन जाता है. एक नया तरीका मेसोसाक्लोपस नामक जलीय कीट जो लार्वा भक्षी है, जिसे रूके जल में डाल देना चाहिए