संस्थागत प्रसव बढ़ाने के दिए निर्देश 

गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच और उचित पोषण आहार देने पर दिया बल

स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज दूसरे विभागीय समीक्षा बैठक के दूसरे दिन प्रदेश के सभी जिलों के ओपीडी एवं आईपीडी के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम, पॉलीक्लीनिक, मातृत्व स्वास्थ्य, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (VHND), सुमन कार्यक्रम, पीसीपीएंडडीटी एक्ट, एएनसी रजिस्ट्रेशन, एड्स कंट्रोल, टीबी, लेप्रोसी आदि कार्यक्रमों की समीक्षा की। बैठक में जिलों में पदस्थ विभागीय उप संचालक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

श्री सिंहदेव ने जननी सुरक्षा योजना अंतर्गत हितग्राहियों को राशि का भुगतान समय पर करने के निर्देश दिए। उन्होंने संस्थागत प्रसव के दौरान गर्भवती माताओं को उचित पोषण आहार देने पर बल दिया। बैठक के दौरान नॉन फंक्शनल एफआरयू की भी समीक्षा की गई।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव श्री आर प्रसन्ना ने प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक एक टेलीपॉइंट बनाने और गंभीर रोगियों पर अनिवार्य रूप से अतिरिक्त ध्यान देने के निर्देश दिए। पीसीपीएंडडीटी एक्ट (लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994) का गरियाबंद, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर में कड़ाई से पालन कराने हेतु निर्देश दिए।

बैठक में स्वास्थ्य सचिव को VHND  एप्प के संचालन में आने वाली परेशानियों से अवगत कराया गया। स्वास्थ्य सचिव ने VHND में बेहतर प्रदर्शन करने वाले ज़िलों की सराहना की।

गर्भवती महिलाओं के एएनसी रजिस्ट्रेशन पर पहली तिमाही में ही स्वास्थ्य जांच की कार्ययोजना पर चर्चा की गई, जिससे की शुरुआती दौर में ही सभी स्वास्थ्य जांच संभव हो सके और गंभीर प्रसूताओं की समय पूर्व स्क्रीनिंग की जा सके बालोद व कांकेर में संचालित पॉलीक्लीनिक में ओपीडी की संख्या बढ़ाने कहा गया। इन स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी के साथ लैब सुविधाओं को भी बेहतर बनाने पर ज़ोर दिया गया। बैठक में टीबी मरीज़ों की खोज में जो दिक्कतें आ रही हैं उन्हें दूर कर तत्काल जांच और इलाज सुनिश्चित करने को कहा गया।

बैठक में सभी सिविल सर्जनों और हॉस्पिटल कंसलटेंट की कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यशाला का भी आयोजन किया गया। पी.जी.आई चण्डीगढ़ से आए डॉ. अनिल गुप्ता ने इस कार्यशाला में अस्पताल प्रबंधन में आ रही समस्याओं को किस तरह से संभालना है समझाया और किस तरह से अपनी नेतृत्व क्षमता से अस्पताल में आ रही कठिनाइयों के बीच गुणवत्तापूर्वक सेवाओं को सुनिश्चित कर सकते हैं, इस विषय में विस्तार से चर्चा की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *