चाइनीज़ सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन के मुख्य महामारी विज्ञानी वू ज़ून्यू के मुताबिक, “पहली लहर अब से जनवरी के मध्य तक चलेगी… दूसरी लहर के जल्द ही बाद में आने की संभावना है, जो 21 जनवरी से शुरू होगी… फिर फरवरी के अंत से मार्च के मध्य तक तीसरी लहर का सामना करना पड़ेगा…”बीजिंग: 

चीन में कोविड 19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, तो क्या चीन की सरकार COVID-19 प्रबंधन पर नियंत्रण खोती जा रही है…? महामारी विज्ञानियों ने सर्दियों के मौजूदा मौसम के दौरान चीन में कोरोनावायरस की कम से कम तीन लहरों के आने की आशंका जताई है. ‘द हांगकांग पोस्ट’ की ख़बर के मुताबिक, निश्चित रूप से चीन की सरकार ‘पूरी तरह तैयार नहीं’ थी, क्योंकि सरकार ने देशभर में जनता के विरोध प्रदर्शनों के बाद अपनी ज़ीरो-कोविड पॉलिसी को अचानक खत्म करने का फैसला कर लिया था.

कोरोना से हुई मौतों की तादाद पर भी चीन की सरकार अब तक चुप्पी साधे बैठी है. बहरहाल, चीनी प्रशासनिक अधिकारियों ने आने वाले महीनों में COVID संक्रमणों की लगातार लहरों की चेतावनी जारी की है, क्योंकि इस माह की शुरुआत में प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.चाइनीज़ सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन के मुख्य महामारी विज्ञानी वू ज़ून्यू ने बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मौजूदा फैलाव इन्हीं सर्दियों में अपने चरम बिंदु तक पहुंचेगा, और एक के बाद एक तीन लहरों के रूप में आने वाले तीन महीनों तक जारी रहेगा…” इस बयान की ख़बर सरकारी मीडिया में छपी रिपोर्ट के हवाले से ‘द हांगकांग पोस्ट’ ने दी

वू ज़ून्यू के मुताबिक, “पहली लहर अब से जनवरी के मध्य तक चलेगी… दूसरी लहर के जल्द ही बाद में आने की संभावना है, जो 21 जनवरी से शुरू होने वाले चंद्र नववर्ष के लिए देशभर में सैकड़ों-लाखों लोगों की सामूहिक यात्रा से शुरू हो सकती है…”

रिपोर्ट के अनुसार, वू ज़ून्यू ने भविष्यवाणी की कि चीन को “लोगों के छुट्टियों से काम पर लौटने के बाद फरवरी के अंत से मार्च के मध्य तक तीसरी लहर” का सामना करना पड़ेगा. चंद्र नववर्ष की छुट्टियों से पहले सामूहिक यात्रा से लहर शुरू होने की उम्मीद है, जो 21 जनवरी को पड़ती है, क्योंकि बहुत-से लोग इस वक्त अपने घरों को चले जाते हैं.

पश्चिमी मीडिया रिपोर्टों के हवाले से प्रकाशित ‘द हांगकांग पोस्ट’ की ख़बर के मुताबिक, यह भी ध्यान देने योग्य तथ्य है कि चीन के अस्पतालों में काम धीमा होता चला जा रहा है, क्योंकि वे दोहरी समस्या का सामना कर रहे हैं – बड़ी तादाद में रोगियों के आने से बिस्तर कम पड़ रहे हैं, और दूसरी ओर स्वास्थ्यकर्मी भी लगातार संक्रमित हो रहे हैं. यही नहीं, मांग में लगातार बढ़ोतरी के चलते दवाओं का स्टॉक भी कम पड़ने लगा है, और आपूर्ति की बहाली की संभावना भी बेहद कम है.

सरकारी मीडिया में छपी रिपोर्ट के हवाले से ‘द हांगकांग पोस्ट’ ने बताया कि लोग उनके आसपास अनगिनत केसों के बारे में बता रहे हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ा सिर्फ 2,000 केस प्रतिदिन के आसपास ही बताया जा रहा है. पिछले ही सप्ताह राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कबूल किया था कि लक्षणरहित संक्रमण के मामलों पर नज़र रखना ‘असंभव’ है और अब वह ऐसे संक्रमणों की गिनती नहीं करेगा.

गौरतलब है कि विशेषज्ञों ने आने वाले महीनों में कम से कम 10 लाख मौतों की भविष्यवाणी की है. विशेषज्ञों के मुताबिक, बीमारी से छुटकारा पाने के लिए चीन की तैयारी अच्छी नहीं है, क्योंकि यहां बुज़ुर्गों के टीकाकरण की रफ़्तार तेज़ नहीं हो पाई है, अस्पतालों में आईसीयू क्षमता नहीं बढ़ पाई है, और एन्टी-वायरल दवाओं का भंडारण भी काफी कम है.

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