मेहंदीपुर बालाजी पुलिस स्टेशन इंचार्ज अजीत सिंह बड़सेरा ने बताया, “छह माह के बाद, जब आरती के पिता अपनी गुमशुदा बेटी की तलाश के लिए पुलिस के पास पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें मृत महिला के कपड़े औऱ तस्वीर दिखाई… इस पर सूरज प्रसाद गुप्ता ने उसकी शिनाख्त अपनी बेटी के तौर पर की…”
दौसा (राजस्थान):
मेहंदीपुर बालाजी पुलिस ने सात साल पहले मृत घोषित कर दी गई एक महिला को शनिवार को हिरासत में लिया है, जबकि उसकी हत्या के दो आरोपी कैद की सज़ा काट रहे हैं. जेल में बंद पीड़ितों ने ही महिला के पते-ठिकाने की टिप मेहंदीपुर बालाजी पुलिस को दी थी.
मेहंदीपुर बालाजी पुलिस स्टेशन इंचार्ज अजीत सिंह बड़सेरा ने बताया, “पीड़ित सोनू ने कहा कि 2015 में उसका विवाह आरती नामक एक महिला से कोर्ट में हुआ था… शादी के बाद, आरती ने पैसे के साथ-साथ ज़मीन भी उसके नाम कर देने की मांग की… जब पीड़ित ने इसमें असमर्थता ज़ाहिर की, महिला आठ दिन बाद ही घर छोड़कर चली गई, और लापता हो गई… इसके बाद, सोनू ने उसे तलाश किया, लेकिन वह कहीं भी नहीं मिली…”
इस बीच, उत्तर पुलिस को मथुरा की मगोरा नहर में एक महिला का शव मिला था, और जब उसका पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ, तो पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
अजीत सिंह बड़सेरा ने बताया, “छह माह के बाद, जब आरती के पिता अपनी गुमशुदा बेटी की तलाश के लिए पुलिस के पास पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें मृत महिला के कपड़े औऱ तस्वीर दिखाई… इस पर सूरज प्रसाद गुप्ता ने उसकी शिनाख्त अपनी बेटी के तौर पर की… सूरज प्रसाद गुप्ता ने मेहंदीपुर बालाजी निवासियों सोनू सैनी और गोपाल सैनी को अपनी बेटी के कत्ल के लिए ज़िम्मेदार ठहराया…”
फिलहाल दोनों आरोपी ज़मानत पर रिहा हो चुके हैं, और उन्हें इंसाफ मिलने की उम्मीद है.