शिवपाल यादव ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा उम्मीदवार डिंपल यादव के लिए वोट मांगे थे।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव (Mainpuri Loksabha Election Results) में डिंपल यादव (Dimple Yadav) की जीत के साथ ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का कुनबा भी एक हो गया है। उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की बंपर जीत के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) सपा में शामिल हो गए। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का भी विलय सपा में कर दिया।
जैसे ही प्रसपा का सपा में विलय का ऐलान हुआ, उसके साथ ही शिवपाल यादव की गाड़ी का झंडा भी बदल दिया गया है। शिवपाल यादव के समर्थकों ने उनकी गाड़ी पर से प्रसपा का झंडा हटाकर सपा का झंडा लगा दिया। शिवपाल के सपा में जॉइन होने के बाद उनके समर्थकों ने कहा कि अब भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि चाचा और भतीजे के एक साथ आने से हो सकता है कि 2027 से पहले ही प्रदेश से भाजपा का सफाया हो जाए।
बता दें कि मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव ने 2 लाख से अधिक वोटों से बीजेपी उम्मीदवार को हराया। बीजेपी उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य खुद अपने बूथ पर 187 वोटों से हार गए। लोकसभा उपचुनाव में डिंपल के उम्मीदवार बनते ही शिवपाल सिंह यादव उनके लिए प्रचार करने लगे थे। अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव ने एक साथ कई जनसभाएं की थी।
अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा थी दांव पर
बता दें कि मैनपुरी लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा था क्योंकि इससे पहले हुए लोकसभा उपचुनावों में रामपुर और आजमगढ़ सीट पर सपा की हार हुई थी और बीजेपी की जीत हुई थी। इसी कारण मैनपुरी, जिसे समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता था, इसे बचाना समाजवादी पार्टी की साख के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा था।