भाजपा ने गुजरात में 182 सीटों में से 150 से अधिक सीटों पर जीत हासिल कर एक शानदार परिणाम हासिल किया है. यह न केवल पार्टी के लिए, बल्कि राज्य के लिए एक रिकॉर्ड है और इसने 1985 में कांग्रेस को 149 सीटों पर बनाए गए रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया.

गुजरात में अब तक के अपने सबसे खराब प्रदर्शन के करीब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा, “न तो मैंने गुजरात में प्रचार किया था और न ही उन लोगों की सूची में था, जिनके प्रचार करने की उम्मीद थी. इसलिए, बगैर गुजरात गए, गुजरात चुनाव परिणाम पर मेरे लिए जवाब देना बेहद मुश्किल है.”

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के प्रचारकों की सूची से शशि थरूर का नाम तब हटा, जब उन्होंने मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा. खरगे गांधी परिवार की पसंद थे. इन दो घटनाओं के बीच की कड़ी स्पष्ट दिख रही थी.

भाजपा ने गुजरात में 182 सीटों में से 150 से अधिक सीटों पर जीत हासिल कर एक शानदार परिणाम हासिल किया है. यह न केवल पार्टी के लिए, बल्कि राज्य के लिए एक रिकॉर्ड है और इसने 1985 में कांग्रेस को 149 सीटों पर बनाए गए रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया.

थरूर ने आज संसद में NDTV को बताया, “यह चौंकाने वाला है कि भाजपा के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी हिमाचल में हमारे लिए काम कर गया, लेकिन जबकि गुजरात में ऐसा नहीं हुआ.” आमतौर पर स्वीकार करने में अनिच्छुक रहने वाली कांग्रेस के विपरीत थरूर ने स्वीकार करते हुए कहा, “आम आदमी पार्टी की भूमिका ने भी कुछ मायनों में वोट छीनने में बिगाड़ने की भूमिका निभाई है.”

अरविंद केजरीवाल की पार्टी गुजरात में लगभग छह सीटों पर जीत की ओर बढ़ रही है, जो आम आदमी पार्टी की अपेक्षा से कहीं अधिक मामूली है. हालांकि, चुनाव परिणाम ने इस पार्टी को दो ध्रुवीय इतिहास वाले राज्य में पैर जमाने का मौका दे दिया है. अब तक गुजरात में केवल कांग्रेस या भाजपा को ही विकल्प के रूप में देखा जाता था. बीजेपी ने गुजरात में लगातार सातवां कार्यकाल हासिल किया है. यह एक और रिकॉर्ड है. इसकी जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण है. मोदी ने अपने गृह राज्य में 30 से अधिक रैलियां कीं. वहीं कांग्रेस के सबसे बड़े स्टार राहुल गांधी ने दो रैलियों कीं.

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