प्रदेश के कलेक्टरों और संभागायुक्तों को पत्र जारी

मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन 06 दिसम्बर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में चल रही धान खरीदी की व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। इस संबंध में मंत्रालय महानदी भवन स्थित मुख्य सचिव कार्यालय से प्रदेश के सभी कलेक्टरों और संभागायुक्तों को पत्र जारी कर दिया गया है।

मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसान पंजीयन, गिरदावरी की शुद्धता एवं शिकायतों का निराकरण, समिति स्तर पर नए एवं पुराने बारदाने की व्यवस्था और समर्थन मूल्य में धान खरीदी के एवज में किसानों को निर्धारित समयावधि में राशि भुगतान की समीक्षा करेंगे। इसी प्रकार मुख्य सचिव श्री जैन समिति स्तर पर धान की सुरक्षा एवं रखरखाव के लिए किए गए प्रयास तथा अन्य राज्यों एवं कोचियों-बिचौलियों द्वारा अवैध धान विक्रय से संबंधित निर्मित प्रकरणों, मिलर द्वारा कस्टम मिलिंग हेतु धान उठाव और मिलर्स द्वारा एफसीआई और नॉन में जमा की जा रही चावल, गोदामों में स्पेस की कमी व नए धान खरीदी केन्द्रों में की व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। धान खरीदी व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए कलेक्टरों और संभागायुक्तों से सुधार के लिए सुझाव देने को भी कहा है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपरान्ह 3.30 बजे से 4.30 बजे से तक जिला महासमुन्द, बेमेतरा, बलौदाबाजार-भाटापारा, बालोद, रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, धमतरी और दुर्ग जिले में की जा रही धान खरीदी की समीक्षा करेंगे। इसी प्रकार अपरान्ह 4.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक जिला कवर्धा, मुंगेली, सक्ती, गरियाबंद, सूरजपुर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, सारांगढ़-बिलाईगढ़, सरगुजा, बलरामपुर और कोरबा जिले में धान खरीदी की व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। इसी तरह अपरान्ह 5.30 बजे से 6.30 बजे तक जिला बस्तर, जशपुर, कोण्डागांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कोरिया, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बीजापुर, सुकमा, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले में की जा रही धान खरीदी व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य में धान खरीदी का महाभियान एक नवम्बर से प्रारंभ हुआ है। धान खरीदी का कार्य 31 जनवरी 2023 तक अनवरत चलेगा। इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर किसानों से 110 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव भी किया जा रहा है।

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