कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की विशेष पहल, राजस्व और महिला एवं बाल विकास विभाग चला रहा संयुक्त अभियान
2750 बच्चों के बने प्रमाण पत्र

आंगनबाड़ी में है बच्चा तो आवेदन देकर बनवा सकते हैं जाति प्रमाण पत्र

जाति प्रमाण पत्र विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के साथ नौकरी और शासन के योजनाओं का लाभ लेने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। अमूमन स्कूलों में पढ़ाई के दौरान जाति प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। तब पालक बच्चों के प्रमाण पत्र बनवाने तहसील कार्यालयों में पहुंचकर अपने बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया शुरू करते हैं। कई बार जरूरी दस्तावेजों की जानकारी के अभाव में उन्हें जाति प्रमाण पत्र बनवाने में देरी होती है। लोगों को इन्ही सब समस्याओं से छुटकारा दिलाने और उनके बच्चों के जाति प्रमाण पत्र आसानी से निर्माण के लिए कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की विशेष पहल से जिला प्रशासन का राजस्व और महिला एवं बाल विकास विभाग एक संयुक्त अभियान अक्टूबर माह से चला रहे है। जिसके तहत नौनिहालों के जाति प्रमाण पत्र अब उन्हें आंगनबाड़ी में ही बना कर दिए जा रहे हैं। अब तक ऐसे लगभग 8 हजार से ज्यादा बच्चों के आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। जिसमें से 2750 बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बना दिए गए हैं।
यह अभियान दो चरणों में चलाया गया है। पहले चरण में आंगनबाड़ी में ऐसे बच्चों की पहचान की गई, जिनके जाति प्रमाण पत्र नही बने हैं। इनकी सूची तैयार कर उनके पालकों से संपर्क किया गया और जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए पालकों से आवेदन भरवा कर जरूरी दस्तावेज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने इक_े किए। एक परियोजना के सभी आंगनबाडिय़ों से ऐसे बच्चों की जानकारी बना कर आवेदन पत्र और कागजात के साथ संबंधित तहसील कार्यालय में जमा किए गए। जहां से दूसरे चरण में तहसील कार्यालय में इन आवेदनों पर कार्यवाही कर बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाए गए। जिन्हे आंगनबाडिय़ों के माध्यम से संबंधित बच्चों तथा उनके पालकों को सौंपा गया।
घर बैठे मिल रहा प्रमाण पत्र, आगे होगी सहूलियत
आगनबाड़ी केंद्रों में जाति प्रमाण पत्र बनाने का कार्य कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की पहल पर पहली बार किया जा रहा है। इससे बच्चों को स्कूल में दाखिले से पहले ही उनके प्रमाण पत्र तैयार हो कर मिल जाएंगे। जिसका उपयोग वे स्कूल में प्रवेश के साथ छात्रवृत्ति योजनाओं तथा शासन की अन्य योजनाओं का लाभ लेने में कर सकेंगे। जिला प्रशासन की इस पहल से बच्चों व पालकों को बिना तहसील कार्यालय जाए घर बैठे प्रमाण पत्र बन कर मिल रहा है। इससे उनका समय और श्रम बच रहा है। साथ ही आगे भी बच्चों को इससे सहूलियत होगी।
आंगनबाडिय़ों में बने इतने प्रमाण पत्र
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री टी.के.जाटवार ने बताया कि यह अभियान अक्टूबर माह से चलाया जा रहा है। इस मुहिम में जिले के सभी 14 परियोजनाओं से आवेदन पत्र लिए जा रहे हैं। अब तक तकरीबन 8 हजार आवेदन पत्र प्राप्त कर तहसील कार्यालयों को भेजे गए हैं। जिनमें से 2750 जाति प्रमाण पत्र बना कर वितरित किए गए हैं।
आंगनबाड़ी में है बच्चा तो आवेदन देकर बनवा सकते हैं जाति प्रमाण पत्र
श्री जाटवर ने बताया कि रायगढ़ जिले के अंतर्गत आंगनबाड़ी में पढ़ रहे ऐसे बच्चे जिनका जाति प्रमाण पत्र नही बना है, तो उनके पालक आंगनबाड़ी केंद्र में आवेदन देकर बच्चे का जाति प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन की इस मुहिम का अधिक से अधिक लाभ पालकों से लेने की अपील की है।

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