उत्तर प्रदेश के अमेठी में एनएच-56 से जुड़े दो बाईपास के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में हुए मुआवजा वितरण की धांधली मामले में केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति इरानी ने डीएम से बात कर रिपोर्ट मांगी है।
उत्तर प्रदेश के अमेठी में एनएच-56 से जुड़े दो बाईपास के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में हुए मुआवजा वितरण की धांधली के मामले में नया ट्विस्ट आया है। केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति इरानी ने डीएम से मामले में वार्ता कर पूरी रिपोर्ट देने को कहा है। इसके बाद मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों की मुश्किलें और बढ़ सकती है।
एनएचएआई द्वारा दस गांवों में गलत मुआवजा दिए जाने को लेकर जारी आर्बिट्रेशन वाद के मामले की सुनवाई करते हुए आर्बिट्रेटर/ जिला मजिस्ट्रेट ने एसडीएम से प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी थी। प्रारंभिक रिपोर्ट में गड़बड़ी पाए जाने पर डीएम ने एडीएम न्याययिक की अगुवाई में चार सदस्यीय टीम प्रकरण की जांच के लिए गठित की थी। कमेटी की जांच में यह तथ्य सामने आए कि बाईपास के लिए अधिग्रहीत जमीनों का अवार्ड गलत तरीके से किया गया। उसी अवार्ड के आधार पर सर्किल रेट से ढाई गुना अधिक मुआवजा भी वितरित कर दिया गया है।
इस खुलासे के बाद जिम्मेदार अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। मुआवजा वितरण की इस प्रक्रिया में सरकार को लगभग 384 करोड़ का चूना लगा है। 180 करोड़ की जमीन 564 करोड़ में खरीदी गई। मामले में आर्बिट्रेटर ने 1062 किसानों को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने को कहा है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति इरानी ने डीएम से मामले को लेकर पूरी रिपोर्ट मांगी है। सूत्र बताते हैं कि सांसद प्रकरण को लेकर गंभीर हैं।