छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Raman Singh) ने बुधवार को सीएम भूपेश बघेल पर हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री के पास करने के लिए कुछ नहीं है इसलिए उनको इस्तीफा दे देना चाहिए।

छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Raman Singh) और मौजूदा सीएम भूपेश बघेल के बीच सियासी हमले का एक नया सिलसिला शुरू हो गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सीएम बघेल जिस सार्वजनिक पद पर बैठे हैं, उनको बिना तथ्यों और सबूतों के आरोप नहीं लगाना चाहिए। उन्होंने चिटफंड घोटाले को लेकर मेरे बेटे अभिषेक (Abhishek) पर बेबुनियाद आरोप लगाए। जांच रिपोर्ट स्पष्ट थी और एजेंसियों को हमारे परिवार की कोई संलिप्तता नहीं मिली।

रमन सिंह (Raman Singh) ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास करने के लिए और कुछ नहीं है। वह मुख्यमंत्री पद के लिए फिट नहीं हैं इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। दरअसल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को पिछली रमन सिंह सरकार के कार्यकाल में नागरिक आपूर्ति निगम और चिटफंड में हुए कथित अनियमितता की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से तत्काल जांच की मांग की थी। बघेल ने ईडी निदेशक को पत्र लिखकर कहा था कि यदि इन मामलों की छानबीन नहीं की गई उन्हें मजबूरी में अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

बघेल ने ईडी को लिखे पत्र को अपने ट्विटर अकाउंट पर भी साझा किया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि मैंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखकर उससे छत्तीसगढ़ में  2004 और 2015 के बीच हुई अनियमितताओं की छानबीन करने की गुजारिश की है। यदि प्रवर्तन निदेशालय 15 दिनों में इस बारे में कोई कार्यवाही नहीं करता है तो अदालत में याचिका दाखिल की जाएगी। बघेल ने पूर्व में की गई एसीबी की जांच पर संदेह जताते हुए कहा कि रमन सिंह के निर्देश पर मामले से जुड़े दस्तावेजों को दबा दिया गया था।

भूपेश बघेल ने बताया था कि साल 2019 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मामला दर्ज कर छानबीन की गई थी। राज्य के लोगों को आशा थी कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी, लेकिन अभी तक जांच की दिशा में हुई प्रगति की कोई जानकारी नहीं मिली है। बघेल ने पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके परिवार की संपत्ति में हुई वृध्दि को लेकर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि रमन सिंह एवं (उनके बेटे) अभिषेक सिंह द्वारा घोषित संपत्तियों का यदि स्वतंत्र रूप से मूल्यांकन कराया जाए तो साफ हो जाएगा कि दोनों की ओर से घोषित संपत्तियों का असल मूल्य बहुत अधिक है।

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