छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने प्रवर्तन निदेशालय को दो पत्र लिखे हैं। इन पत्रों के लिखे जाने की क्या वजह है जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय को दो पत्र लिखे हैं। मुख्यमंत्री ने सूबे में पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान हुए तथाकथित गड़बड़ियों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय एजेंसियों से छानबीन की मांग की है। भूपेश बघेल ने कहा- मैंने ईडी को दो पत्र लिखे हैं। पहला पत्र ‘नागरिक अपूर्ति निगम’ (एनएएन) घोटाले के संबंध में है जिसमें पूर्व सीएम रमन सिंह और उनकी पत्नी के नाम सामने आए थे। दूसरा पत्र चिटफंड घोटाले को लेकर है। बघेल ने बताया कि यह मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा 6.5 हजार करोड़ रुपये का घोटाला है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भूपेश बघेल ने ईडी निदेशक को पत्र लिखकर कहा है कि यदि इन मामलों में 15 दिनों में ईडी द्वारा जांच की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की गई तब विवश होकर न्यायालय में केस दाखिल करना पड़ेगा। भूपेश बघेल ने यह पत्र को अपने ट्विटर अकाउंट पर भी साझा किया है। उन्होंने कहा- मैंने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर उससे छत्तीसगढ़ में  2004 और 2015 के बीच हुए घोटालों की जांच करने की मांग की।

एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री ने कहा कि रमन सिंह और उनके मंत्रियों के संरक्षण में गरीब परिवारों के खून-पसीने की कमाई चिटफंड कंपनियों द्वारा लूटी गई है। मैंने प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर मनी लांड्रिंग के इस मामले की भी जांच की गुजारिश की है। यदि ईडी ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की तो विवश होकर न्यायालय में प्रकरण दायर किया जाएगा।

बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में 2015 में एसीबी अधिकारियों ने राज्य नागरिक अपूर्ति निगम, रायपुर के कार्यालय और अनेक अधिकारियों के घरों में छापेमारी कर करोड़ों की नकद रकम और अनुपातहीन संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए थे। इस मामले में 28 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। लेकिन बाद में आश्चर्यजनक ढंग से उन 28 आरोपियों में से 16 को क्लीन चिट देते हुए रायपुर के विशेष न्यायालय में चालान पेश कर दिया गया जबकि पूरे देश में राज्य के इस घोटाले की गूंज सुनाई दी थी।

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