फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर जमीनी स्तर पर स्थिति बेहतर हो गई होती तो एक और कश्मीरी पंडित की हत्या नहीं हुई होती। उन्होंने कहा, ‘जब तक न्याय नहीं हो जाता, हत्याएं नहीं रूकेंगी।’

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घाटी में शांति बिगाड़ने वालों को चेतावनी दी है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि कुछ लोग हैं जो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे तत्वों पर हमें पैनी नजर रखकर और उनसे सख्ती से निपटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए निर्दोष नागरिकों की हत्या को सही ठहरा रहे हैं।

उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि अगर कोई अपनी बयानबाजी से या कृत्यों से देश की अखंडता के साथ खिलवाड़ करेगा तो देश के कानून के तहत उन पर भी आने वाले दिनों में कार्रवाई की जाएगी। हमारी ऐसे तत्वों पर नजर बनी हुई है। पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिन्हा ने ये बातें कहीं।

फारूक अब्दुल्ला ने क्या कहा था?
मनोज सिन्हा की इस चेतावनी को नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के हालिया बयान पर पलटवार के तौर पर देखा जा रहा है। अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद स्थिति सामान्य हो जाने संबंधी भाजपा का दावे पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा बीते सोमवार को कहा था कि न्याय मिलने तक हत्याएं नहीं रूकेंगी।

श्रीनगर से सांसद अब्दुल्ला ने कहा कि अगर जमीनी स्तर पर स्थिति बेहतर हो गई होती तो एक और कश्मीरी पंडित की हत्या नहीं होती। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘जब तक न्याय नहीं होगा, हत्याएं नहीं रूकेंगी।’ शोपियां में आतंकवादियों की ओर से एक कश्मीरी पंडित की हाल में हत्या कर दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यह बयान दिया।

पूरन कृष्ण भट की हत्या पर फिर उठे सवाल
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, ‘वे यह शोरगुल कर रहे हैं कि यह (आतंकवाद) अनुच्छेद 370 का नतीजा है। आज अनुच्छेद 370 नहीं है, लेकिन फिर इस तरह की हत्याएं क्यों हो रही हैं और कौन जिम्मेदार है?’ मालूम हो कि आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में स्थित चौधरी गुंड इलाके में पूरन कृष्ण भट नाम के व्यक्ति की शनिवार को गोली मार कर हत्या कर दी। उनके पैतृक घर के बाहर उन पर यह हमला किया गया था।

केंद्र में भाजपा नीत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा मुहैया करने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द कर दिया था और पूर्ववर्ती राज्य को 5 अगस्त 2019 को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सहित चार अन्य दलों के साथ अब्दुल्ला की पार्टी (नेकां) गुपकर गठबंधन के बैनर तले विशेष दर्जा बहाल करने की मांग कर रही है।

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