गृह मंत्रालय ने रेप के आरोपी एक आईएएस अधिकारी पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनपर आरोप था कि अंडमान निकोबार में मुख्य सचिव रहने के दौरान उन्होंने महिला से रेप किया।

रेप के आरोपी एक सीनियर आईएएस अधिकारी पर गृह मंत्रालय ने सख्त कार्रवाई की है। अंडमान नीकोबार द्वीपसमूह मे तैनात एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। अधिकारी जितेंद्र नारायण के बारे में शिकायत रविवार को ही केंद्र को मिली थी। पुलिस ने शिकायत में कहा था कि जितेंद्र नारायण एक महिला के साथ यौन प्रताड़ना के आरोपी हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि 1990 बैच के आईएएस अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। इसलिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। आदेश में कहा गया, सरकार अनुशासन हीनता और पद के दुरुपयोग के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाती है। खास तौर पर जब बात महिलाओं की प्रतिष्ठा की हो तो किसी भी तरह से ढील नहीं दी जा सकती।

इस मामले में जितेंद्र नारायण के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वह द्वीपसमूह में मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत  थे। केंद्रीय गृहमंत्री ने अधिकारी के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई करने के भी आदेश दिए हैं। वर्तमान में जितेंद्र नारायण दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात थे।

महिला ने आरोप लगाया था कि उसके साथ दुराचार में एक अन्य अधिकारी भी शामिल था। कुछ दिन पहले इस मामले में जितेंद्र नारायण ने कहा था कि मामला अदालत में है इसलिए वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। पीड़िता ने मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करवाया था। उसका कहना था कि वह नौकरी की तलाश कर रही थी तभी होटल मालिक के माध्यम से वह एक शख्स से मिली जो  उसे लेकर आईएएस अधिकारी के घर गया था। उसने दावा किया कि घर पर ही उसके साथ रेप किया गया।

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